टमाटर उत्पादकों पर पड़ रही दोहरी मार
संवाद सूत्र, नौगांव : यमुनाघाटी में रोजाना हो रही बारिश से किसानों की 50 फीसदी टमाटर की फसल बीमारी क
संवाद सूत्र, नौगांव : यमुनाघाटी में रोजाना हो रही बारिश से किसानों की 50 फीसदी टमाटर की फसल बीमारी की चपेट में आने से खराब हो गई है। जो सही टमाटर मंडियों तक पहुंच भी रहे हैं, उनका सही दाम किसानों को नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में किसानों के सामने रोजीरोटी का संकट गहराने लगा है।
टमाटर उत्पादन के लिए प्रसिद्ध यमुनाघाटी के किसान इस बार मायूस हैं। खेतों में तैयार टमाटरों पर बारिश की मार इस कदर पड़ रही है कि खेतों में ही किसानों के 50 फीसद टमाटर सड़न और झुलसा बीमारी की चपेट में आकर खराब हो गए हैं। साथ ही जो टमाटर निकाले जा रहे हैं, उनके भी मंडियों में सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ने लगा है। देहरादून व विकासनगर की मंडी में टमाटर के औसतन दाम चार से 12 रुपये प्रति किलो तक ही मिल पा रहे हैं। अच्छी क्वालिटी का हाईब्रीड टमाटर भी 10 से 12 रुपये प्रति किलो ही बिक रहा है। जो किसान मदर डेयरी दिल्ली व अन्य मंडियों में टमाटर भेज रहे हैं, उन्हें भी उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं। टमाटर के उचित दाम न मिलने से किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। सुनारा गांव के धीरपाल ¨सह, सुभाष रावत, दयाचंद, लक्ष्मण ¨सह, विजेंद्र ¨सह आदि का कहना है कि बैंक से ऋण लेकर और कड़ी मेहनत करके किसानों ने टमाटर उगाया है लेकिन, मौसम की बेरुखी और मंडियों में टमाटर के गिरते दाम से उन्हें भारी नुकसान हो रहा है और इससे उनकी आजीविका पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
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बारिश के कारण किसानों की टमाटर की 50 फीसदी फसल सड़न व झुलसा रोग की चपेट में आने से बर्बाद हुई है। साथ ही मंडियों के गिरते भाव का भी काश्तकारों की आर्थिकी पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
-जगमोहन ¨सह, अध्यक्ष रवांईघाटी फल एवं सब्जी उत्पादक एसोसिएशन नौगांव।