सीएचसी नौगांव में कभी भी लग सकते हैं ताले
संवाद सूत्र, नौगांव : पीपीपी मोड से संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नौगांव में चिकित्सकों की संख
संवाद सूत्र, नौगांव : पीपीपी मोड से संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नौगांव में चिकित्सकों की संख्या लगातार घट रही है। अस्पताल में केवल दो चिकित्सक रह गए हैं। इनमें एक हड्डी रोग विशेषज्ञ व एक महिला मेडिकल ऑफिसर है। ऐसे में अन्य रोगियों को देहरादून व जिला मुख्यालय उत्तरकाशी जाना पड़ रहा है।
यमुनाघाटी के लोगों को स्वास्थ्स सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने 14 सितम्बर 2013 को सीएचसी नौगांव को पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप में राजभ्ररा कंपनी को दिया। मगर सरकार की यह व्यवस्था भी यहां नाकाम साबित होती दिख रही है। सरकार की ओर से समय पर धन आवंटन के बाद भी चिकित्सकों को मानदेय समय नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में यहां से लगातार चिकित्सक छोड़ कर जा रहे हैं। दो दिन पहले डॉ. अनूप बागची व डॉ. उपला बागची भी पद छोड़ कर चले गए। हड्डी रोग विशेषज्ञ गणेश जावेद व डॉ. निशा बेन का भी कहना है कि यदि शीघ्र उनका शेष वेतन नहीं मिला तो वह भी अपनी सेवाएं देना बंद कर देंगे। मानदेय न मिलने पर चिकित्सकों ने दिसंबर 2013, जून 2014, जुलाई 2015 को हड़ताल की थी। पूर्व में अस्पताल में सेवा दे रहे दंत चिकित्सक अमित रावत का कहना है कि उन्हें भी दो माह का वेतन नहीं मिला जिस कारण उन्होंने सीएचसी में सेवाएं देनी बंद की।