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मौत को मात दे शेरू जीता जिंदगी की जंग

किसी से पूछें कि गुलदार ( तेंदुआ ) और कुत्ता साथ-साथ रह सकते हैं, वह भी एक ही कमरे में 25 घंटे तक। शायद, जवाब ना में ही मिलेगा, लेकिन अगर आप ऐसा सोचते हैं तो बदल लीजिए अपनी राय।

By sunil negiEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2015 10:27 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2015 11:06 AM (IST)
मौत को मात दे शेरू जीता जिंदगी की जंग

शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी। किसी से पूछें कि गुलदार ( तेंदुआ ) और कुत्ता साथ-साथ रह सकते हैं, वह भी एक ही कमरे में 25 घंटे तक। शायद, जवाब ना में ही मिलेगा, लेकिन अगर आप ऐसा सोचते हैं तो बदल लीजिए अपनी राय। इतने घंटों तक गुलदार के रूप में सामने डटी मौत को मात देकर कुत्ता (शेरू ) जिंदगी की जंग जीत गया। यह वाकया सामने आया उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर जिनेथ गांव में।

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किस्सा कुछ यूं हैं। सोमवार की रात एक गुलदार जिनेथ गांव निवासी संजय अवस्थी के कुत्ते का पीछा करते हुए उनके घर के कमरे तक जा पहुंचा। यह देख संजय की मां कुंती देवी ने हिम्मत दिखाते हुए कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। पता चलने पर आस-पास के लोग भी वहां आ पहुंचे।

लोगों ने रात ही वन विभाग को इसकी सूचना कर दी थी, लेकिन विभाग की टीम 10 घंटे बाद यानि अगले दिन मंगलवार सुबह मौके पर पहुंची और वह भी खाली हाथ। कुछ भी समझ में न आता देख विभागीय अधिकारियों ने चकराता से ट्रेंकुलाइज गन की टीम कॉल किया गया।

रात करीब दस बजे यह टीम गांव पहुंची। 24 घंटे बाद कमरे में बंद गुलदार को काबू करने के प्रयास शुरू हो पाए। कमरे से लगातार गुलदार के गुर्राने की आवाज सुनाई पड़ रही थी। करीब पौन घंटे की मशक्कत के बाद ट्रेंकुलाइज गन से गुलदार को बेहोश किया जा सका।

इसके बाद जैसे ही वन विभाग की टीम ने गुलदार को पिंजरे में कैद करने के लिए कमरे का दरवाजा खोला, तभी भीतर एक कोने में दुबककर बैठा कुत्ता (शेरू ) तेजी से दौड़ लगाता हुआ बाहर निकल कर सामने गौशाला में जा घुसा। दिलचस्प यह कि गुलदार इसी कुत्ते को निवाला

बनाने की नीयत से कमरे तक जा पहुंचा था, लेकिन 25 घंटे गुलदार के साथ कमरे में बंद रहने के बाद भी शेरू का जिंदा बच गया। यह देखकर गांव वाले अवाक रह गए। लोग यही समझ रहे थे कि गुलदार ने शेरू को तो मार ही दिया होगा, पर उनकी आशंका गलत निकली।

एकबारगी वन विभाग की टीम को भी इसका यकीन नहीं हुआ। वन्यजीव विशेषज्ञों के व्यवहार की समझ रखने वाले भारतीय वन्यजीव संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक के शंकर और राज्य के रेस्क्यू सेंटर के प्रभारी आरएस हिंदवाल बताते हैं कि डर की वजह से गुलदार ने कुत्ते पर हमला नहीं किया होगा। कमरे में बंद होने की वजह से दोनों ही खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे होंगे।
पढ़ें-गौशाला में घुसा गुलदार पिंजरे में कैद


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