कमजोर पड़ रहा वरुणावत का ट्रीटमेंट
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : एक दशक पहले वरुणावत के भूस्खलन को रोकने के लिए किया गया ट्रीटमेंट कमजोर
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : एक दशक पहले वरुणावत के भूस्खलन को रोकने के लिए किया गया ट्रीटमेंट कमजोर होता जा रहा है। इसका कारण है कि ट्रीटमेंट के ऊपर घास और पौधे उग आए हैं। भू-वैज्ञानिकों की माने तो अगर वरुणावत के ट्रीटमेट को लंबे समय तक सुरक्षित रखना है तो ट्रीटमेंट की नालियों में घास और पौधों को हटाया जाना जरुरी है। पहाड़ी के अंदर इससे पानी का रिसाव हो रहा है।
बारह साल पहले वरुणावत दरकना शुरू हुआ तो केन्द्र सरकार ने इसके ट्रीटमेंट के लिए 282 करोड़ रुपये की धनराशि दी। इसमें से वरुणावत के ट्रीटमेंट पर 74 करोड़ की धनराशि खर्च की गई। लेकिन, ट्रीटमेंट करने के बाद वरुणावत की देखभाल की किसी ने भी सुध नहीं ली। लेकिन जब वरुणावत फिर से दरकना शुरु हुआ तो तब अधिकारियों से लेकर भू-वैज्ञानिकों की टीम ने वरुणावत का निरीक्षण किया। भू-वैज्ञानिकों ने वरुणावत के ट्रीटमेंट वाले हिस्से की मजबूती को देखा तो सीमेंट और कंकरीट के ट्रीटमेंट के ऊपर घास और पौधे जमे हुए मिले। इसको लेकर भू-वैज्ञानिकों ने ¨चता व्यक्त की। भू-वैज्ञानिकों के चेताने के बाद अभी भी घास को नहीं निकाला गया है।
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वरुणावत के ट्रीटमेंट के ऊपर घास व पौधों का उगना बेहद ही खतरनाक हैं। घास और पौधों की जड़ों के जरिये ट्रीटमेंट के अंदर पानी जा रहा है। जिससे ट्रीटमेंट भी कमजोर पड़ रहा है। प्रशासन को इस मामले से अवगत करा दिया है।
डा. एपी थपलियाल, वरिष्ठ भू-वैज्ञानिक
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वरुणावत का निरीक्षण किया था, जो पहले ट्रीटमेंट हुआ, उसके ऊपर घास जमी हुई मिली। ट्रीटमेंट को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए ट्रीटमेंट के ऊपर उगी घास व पौधों को हटाने के लिए निर्देश दे दिए हैं।
सीएस नपलच्याल, आयुक्त, गढ़वाल मंडल