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एबेडमेंट बनाने में ही हांफ रही कंपनी

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : जोशियाड़ा झूला पुल निर्माण सरकारी तंत्र की निर्माण कंपनियों के आगे लाचार

By Edited By: Published: Sun, 05 Jul 2015 05:39 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2015 05:39 PM (IST)
एबेडमेंट बनाने में ही हांफ रही कंपनी

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : जोशियाड़ा झूला पुल निर्माण सरकारी तंत्र की निर्माण कंपनियों के आगे लाचारी का नमूना बन गया है। इस काम का जिम्मा संभाले एनबीसीसी कंपनी डेढ़ साल में पुल का एबेडमेंट (आधार स्तंभ) तक तैयार नहीं कर सकी है, जबकि पुल को पूरा करने के लिए कंपनी को 15 मार्च 2015 तक का समय दिया गया था। पुल निर्माण में लापरवाही बरतने के बावजूद कंपनी ने रिवाइज इस्टीमेट तैयार कर इसकी लागत बढ़वा दी। इसके बाद भी काम धरातल पर लगभग सिफर है।

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वर्ष 2012 की बाढ़ में मुख्य बाजार और जोशियाड़ा को जोड़ने वाला झूला पुल बह गया था। जिला मुख्यालय के दो हिस्सों को जोड़ने वाले इस पुल के दोबारा निर्माण की लगातार मांग होती रही। राज्य सरकार ने आपदा में ध्वस्त हुए जनपद के अन्य पुलों के साथ ही इस पुल के निर्माण का काम एनबीसीसी कंपनी को सौंपा। वर्ष 2012 में कंपनी ने पुलों की डीपीआर शासन को सौंपी। डीपीआर स्वीकृत नहीं हुई, लेकिन अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के बाद कंपनी को वर्ष 2013 में बजट जारी कर दिया गया। कंपनी को पुल निर्माण के लिए मार्च 2015 तक का समय भी दिया गया। कंपनी की ओर से काम में सुस्ती के कारण काम शुरू होने से पहले ही जून 2013 में बाढ़ आ गई। इसके बाद सितंबर माह में काम शुरू हो सका। डीपीआर स्वीकृत न होने की आड़ में कंपनी ने इस महत्वपूर्ण झूला पुल के निर्माण में लगातार कोताही बरती, जबकि शासन की ओर से जिला मुख्यालय की जरूरत को देखते हुए कंपनी को साफ तौर पर पुल तैयार करने के निर्देश दिए गए थे। जिला प्रशासन की फटकार पड़ने के बाद कंपनी ने बीते साल मई में जोशियाड़ा की ओर एबेडमेंट तैयार करने का काम शुरू किया। लेकिन, यह काम भी अभी सत्तर फीसद से ज्यादा नहीं हो सका है। कंपनी की कार्यशैली ऐसी है कि सिर्फ आठ से दस मजदूर ही काम में लगाए गए हैं। वहीं मुख्य बाजार के छोर के एबेडमेंट को लेकर अभी कुछ तय नहीं किया गया है।

नाप रहे पैदल

नगर क्षेत्र और जोशियाड़ा को जोड़ने वाला झूला पुल इस समय उत्तरकाशी की प्रमुख जरूरत है। पुल न होने से जोशियाड़ा क्षेत्र की दस हजार की आबादी को एक से तीन किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। इसमें पुराना मोटर पुल पार करके ताबाखाणी भूस्खलन क्षेत्र भी शामिल है।

जिले में सबसे बड़ा झूला पुल

एनबीसीसी के जिम्मे चौदह पुलों में यह सबसे बड़ा झूला पुल भी बनेगा। इसका स्पान 150.5 मीटर है, करीब सात करोड़ की लागत से बन रहे इस पुल के बनने से मुख्य बाजार से जोशियाड़ा, विकास भवन लदाड़ी और डाग पोखरी तक के लोगों को आवाजाही की सुविधा मिल सकेगी।

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जोशियाड़ा झूला पुल पर एक ओर का एबेडमेंट लगभग तैयार हो चुका है। यही कार्य सबसे ज्यादा समय लेने वाला था। जल्द ही दूसरी ओर एबेडमेंट तैयार करने के बाद पुल तैयार करने का काम शुरू किया जाएगा।

नवल किशोर, डीजीएमए एनबीसीसी

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कंपनी को पुल का काम जारी रखने को कहा गया है। लेकिन, धीमी प्रगति के लिए जिला प्रशासन की ओर से कंपनी को सख्त हिदायत भी दी गई है।

इंदूधर बौड़ाई, जिलाधिकारी


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