मनेरी भाली प्रथम चरण में विद्युत उत्पादन ठप
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : जिले में लगातार हो रही बारिश से भागीरथी का जलस्तर बढ़ने और अत्यधिक गाद
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : जिले में लगातार हो रही बारिश से भागीरथी का जलस्तर बढ़ने और अत्यधिक गाद आने के कारण मनेरी भाली प्रथम चरण परियोजना में उत्पादन रोकना पड़ा। भागीरथी के साथ अन्य सहायक नदियां भी पूरे उफान पर बही।
जिले में बुधवार रात से जारी बारिश के के कारण गुरुवार को दोपहर बाद भागीरथी का जलस्तर बढ़ गया। 90 मेगावाट की मनेरी भाली प्रथम चरण परियोजना में भागीरथी में वाटर डिस्चार्ज 590 क्यूमेक्स दर्ज किया गया। जबकि इसमें गाद की मात्रा 4600 पीपीएम मापी गई। यह परियोजना 2500 पीपीएम तक गाद वहन कर सकती है। लिहाजा, गाद बढ़ने पर गुरुवार दोपहर करीब दो बजे विद्युत उत्पादन रोकते हुए परियोजना को बंद कर दिया गया। वहीं 304 मेगावाट की मनेरी भाली द्वितीय चरण परियोजना की गाद वहन क्षमता अधिक होने के कारण यहां उत्पादन जारी रहा। इसके अलावा हर्षिल जल विद्युत परियोजना, हनुमान गंगा, जानकीचट्टी और खरादी जैसी छोटी जल विद्युत परियोजनाओं में भी उत्पादन में कोई व्यवधान पैदा नहीं हुआ। जल विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता हरीशचंद्र धपोला ने बताया कि जलस्तर के साथ अत्यधिक मात्रा में गाद टरबाईनों को नुकसान पहुंचाती है। जिसके चलते प्रथम चरण परियोजना में उत्पादन रोकना पड़ा। बताया कि एक घंटा परियोजना बंद होने पर जल विद्युत निगम को करीब दस लाख रुपये का नुकसान होता है। बताया कि शाम छह बजे तक करीब 40 लाख का नुकसान हुआ। समाचार लिखे जाने तक विद्युत उत्पादन बदं था।
पिलंग जौड़ाऊ की पुलिया बही
उत्तरकाशी : भागीरथी की सहायक नदी पिलंग गाड का जलस्तर भी गुरुवार को उफान पर रहा। जिसके कारण पिलंग व जौड़ाऊ गांव के बीच बनी पुलिया बह गई। जबकि गंगाड़ नामे तोक में बड़े हिस्से में भूकटाव हो गया। जिससे सिल्ला व पिलंग गांव का पैदल रास्ता बंद हो गया। बताया कि गाद कम होने पर उत्पादन दोबारा शुरू किया जाएगा।