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सरकारी स्कूल रहे फिसड्डी

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के परिणाम ने एक बार फ

By Edited By: Published: Tue, 26 May 2015 04:42 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2015 04:42 PM (IST)
सरकारी स्कूल रहे फिसड्डी

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के परिणाम ने एक बार फिर सरकारी स्कूलों के शिक्षा स्तर पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनपद में करीब दो हजार छात्र-छात्राएं बैठे थे। इनमें से एक का नाम भी श्रेष्ठता सूची में शामिल नहीं हो सका। इसके उलट उत्तरकाशी, बड़कोट, नौगांव और पुरोला जैसे कस्बों से भी निजी स्कूलों ने श्रेष्ठता सूची में जगह बनाई है। निजी स्कूलों में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण छात्रों का प्रतिशत भी सत्तर से ऊपर रहा है, जबकि सरकारी स्कूल इस मामले में काफी पीछे रहे।

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गोस्वामी विद्या मंदिर रहा अव्वल

हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं में इस बार गोस्वामी गणेशदत्त विद्या मंदिर इंटर कॉलेज का प्रदर्शन बेहतर रहा। सौ फीसद परिणाम के साथ इस स्कूल से इंटरमीडिएट में चार और हाईस्कूल में दो छात्र-छात्राओं ने श्रेष्ठता सूची में जगह बनाई। स्कूल के प्रधानाचार्य सुशील कुमार शर्मा ने इसका श्रेय शिक्षकों के साथ ही बच्चों की मेहनत को दिया। इसके अलावा, सरस्वती विद्या मंदिर चिन्यालीसौड़ से इंटरमीडिएट में दो व हाईस्कूल में दो छात्र श्रेष्ठता सूची में स्थान बनाने में सफल रहे। बड़कोट के सुमन ग्रामर स्कूल के भी दो छात्र हाईस्कूल की श्रेष्ठता सूची में शामिल हुए।

जनपद के सरकारी स्कूलों से प्रदेश की श्रेष्ठता सूची में जगह न बनना निराशाजनक है। इसके लिए स्कूलों से कारण पूछा जाएगा। प्रदर्शन सुधारने की हिदायत भी दी जाएगी।

-लीलाधर व्यास, मुख्य शिक्षा अधिकारी।


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