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गंगोत्री-यमुनोत्री में नहीं ठहर रहे यात्री

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : मौसम की बेरुखी व यात्रा पड़ावों पर खतरे को देखते हुए यात्री गंगोत्री व य

By Edited By: Published: Mon, 27 Apr 2015 05:24 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2015 05:24 PM (IST)
गंगोत्री-यमुनोत्री में नहीं ठहर रहे यात्री

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : मौसम की बेरुखी व यात्रा पड़ावों पर खतरे को देखते हुए यात्री गंगोत्री व यमुनोत्री धाम समेत निकटवर्ती यात्रा पड़ावों पर यात्री नहीं रुक रहे हैं। यात्रियों की कोशिश जल्द से जल्द एक के बाद दूसरे धाम के दर्शन करने की है।

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गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की यात्रा सुचारू है, लेकिन दोनों धामों में ठहरने से यात्री परहेज कर रहे हैं। यही वजह है कि दोपहर बाद दोनों धाम सूने हो रहे हैं। चारधाम यात्रा के पहले धाम यमुनोत्री में पांच किमी की पैदल चढ़ाई के बाद दर्शन कर रात्रि के लिए यात्रियों की कोशिश सीधे गंगोत्री का रुख कर रहे हैं। इसके लिए वे उत्तरकाशी या नेताला जैसी सुरक्षित जगहों को अगला पड़ाव बना रहे हैं। इसके बाद गंगोत्री धाम के दर्शन कर वहां से वापसी के बाद वे केदारनाथ की राह पकड़ रहे हैं। बारिश से गंगोत्री हाईवे पर लगातार पैदा हो रही बाधा को इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है। वहीं गंगोत्री हाईवे के गंगनानी, भटवाड़ी व धराली जैसे पड़ावों पर भी यात्री नहीं रुक रहे हैं। इन पड़ावों पर आपदा के समय काफी नुकसान पहुंचा था और अब भी इनकी स्थिति सामान्य नहीं हो सकी है। गंगनानी में तो भूधंसाव का सिलसिला अभी तक जारी है, इसकी चपेट में यहां का गर्मकुंड भी का इलाका भी आ रहा है। वहीं भटवाड़ी में भी लगातार सक्रिय भूस्खलन ने यहां यात्रा पड़ाव होने की सभी उम्मीदें ध्वस्त की हुई हैं। यमुनोत्री व गंगोत्री दोनों धामों के दर्शन में आम तौर पर दो से तीन दिन का समय लगता है। मौजूदा स्थिति के कारण कई यात्री डेढ़ दिन में ही दोनों धामों के दर्शन कर लौट रहे हैं।

'गंगोत्री धाम में इस बार यात्री बहुत कम तादाद में ठहर रहे हैं, धाम में पहुंचने के बाद दर्शन कर तुरंत वापस लौटने की होड़ यात्रियों में साफ दिख रही है, जिसका कारण मौसम व सड़क की खराब स्थिति मानी जा रही है।

सुरेश सेमवाल, सचिव गंगोत्री मंदिर समिति।


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