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दम तोड़ रहे आइंस्टाइन बनने के सपने

संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : सरकारी इंटर कॉलेजों में पढ़कर न्यूटन व आइंस्टाइन बनने के सपने बुन रहे बच्च

By Edited By: Published: Tue, 14 Apr 2015 05:49 PM (IST)Updated: Tue, 14 Apr 2015 05:49 PM (IST)
दम तोड़ रहे आइंस्टाइन बनने के सपने

संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : सरकारी इंटर कॉलेजों में पढ़कर न्यूटन व आइंस्टाइन बनने के सपने बुन रहे बच्चों के सपने दम तोड़ रहे हैं। कॉलेजों में विज्ञान विषय के प्रवक्ताओं के 38 फीसद पद रिक्त चल रहे हैं। वहीं, कई स्कूलों में तो अब तक विज्ञान विषय शुरू तक नहीं हो सके हैं।

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जिले के सरकारी इंटरमीडिएट कॉलेजों में पढ़कर इंजीनियर, डॉक्टर बनने का सपना देखना बेमानी ही होगा। विज्ञान विषयों के शिक्षकों की भारी कमी के चलते इंजीनियर और डॉक्टर बनने का ख्वाब पाले बच्चों को या तो किसी निजी स्कूल का रुख करना पड़ेगा या फिर अपने सपनों की तिलांजलि देकर अन्य विषयों को पढ़ना पड़ेगा। मौजूदा हालात तो कुछ इस तरह के ही हैं। जिले में प्रवक्ता वर्ग में विज्ञान विषयों के शिक्षकों की भारी कमी चल रही है। जिले के 72 इंटरमीडिएट कॉलेजों में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और गणित विषयों के प्रवक्ता के कुल स्वीकृत 255 पदों के सापेक्ष 169 पदों पर प्रवक्ता कार्यरत हैं। 96 पद रिक्त चल रहे हैं, जिसमें से गणित विषय में 44 फीसद प्रवक्ताओं के पद रिक्त हैं। हालांकि सुगम के इंटरमीडिएट कॉलेजों में पदों के सापेक्ष पूरे शिक्षक भरे हुए हैं, लेकिन दुर्गम स्थित इंटर कॉलेजों में बुरे हाल हैं। ऐसे में हाईस्कूल के बाद विज्ञान विषय पढ़ने के इच्छुक छात्र छात्राओं को या तो किसी अन्य स्कूल का रुख करना पड़ रहा है या फिर ट्यूशन के सहारे ही विषयों पर पकड़ को बनाए रखने की जद्दोजहद करनी पड़ रही है।

छह इंटर कॉलेजों में पद सृजित नहीं

राजनीतिक फायदे को नेताओं ने स्कूलों का उच्चीकरण तो खूब किया। लेकिन, उच्चीकरण के बाद स्कूलों को उन्हीं के हाल पर छोड़ दिया। जिले में बीते तीन साल पहले उच्चीकृत कर इंटर कॉलेज का दर्जा पाने वाले छह इंटरमीडिएट कॉलेजों में तो विज्ञान के पद तक सृजित नहीं हुए हैं। ऐसे में विज्ञान विषयों की पढ़ाई करने के इच्छुक छात्र छात्राओं को हाईस्कूल के बाद दूसरे इंटरमीडिएट कॉलेजों का रुख करना पड़ रहा है। उच्चीकृत कर इंटरमीडिएट बने राइंका मानपुर, फोल्ड, जुणगा, पुजारगांव, कुथनौर, पौंटी में तीन साल बाद विज्ञान के शिक्षकों के पदों का सृजन नहीं हो सका है। लिहाजा इन स्कूलों में विज्ञान विषयों की पढ़ाई भी नहीं हो पा रही।

जिले में स्थिति

विषय - स्वीकृत - कार्यरत - रिक्त

भौतिक विज्ञान - 69 - 50 - 19

रसायन विज्ञान - 69 - 40 - 29

जीव विज्ञान - 68 - 42 - 26

गणित - 49 - 27 - 22

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विज्ञान विषयों के रिक्त पदों पर प्रवक्ताओं की तैनाती की निदेशालय से बार बार मांग की जा रही है। नए उच्चीकृत इंटरमीडिएट कॉलेजों में पद सृजन की कार्रवाई विभाग के स्तर से पूरी हैं, निदेशालय को यहां पद सृजित करने और प्रवक्ताओं की तैनाती का प्रस्ताव भेजा गया है।

लीलाधर व्यास, मुख्य शिक्षा अधिकारी उत्तरकाशी


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