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कागज की नाव से होगी गंगा पार

संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित स्यावा के ग्रामीणों के लिए पुल का इंत

By Edited By: Published: Sun, 12 Apr 2015 05:13 PM (IST)Updated: Sun, 12 Apr 2015 05:13 PM (IST)
कागज की नाव से होगी गंगा पार

संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित स्यावा के ग्रामीणों के लिए पुल का इंतजार अभी और लंबा खींचेगा। बाढ़ में बहे झूला पुल के स्थान पर नए पुल निर्माण की तैयारी फिलहाल कागजों में ही डोल रही है।

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भटवाड़ी प्रखंड के स्वावा गाव को गंगोत्री हाईवे से जोड़ने वाला झूला पुल जून 2013 में भागीरथी में आई बाढ़ में बह गया था। इस पुल से ही गुजर कर ग्रामीण सड़क तक पहुंचते थे। इसी पुल से ही स्यावा गांव के पैदल रास्ते से जौराई बुग्याल का भी ट्रैक रूट शुरू होता था। पुल के बहने के बाद ग्रामीण अलग थलग पड़ गए। वहीं जौराई बुग्याल के लिए यह ट्रैक रूट भी बंद हो गया। फौरी राहत के तौर पर एक स्वयंसेवी संगठन की मदद से लोनिवि ने यहा हाथ से चलाई जाने वाली ट्रॉली तो लगाई, लेकिन बेहद पुरानी तकनीकि की इस ट्रॉली से कई लोगों को अपने हाथ की उंगलिया भी गवांनी पड़ी। फिलहाल यह ट्रॉली भी बीते साल नवंबर से खराब है। इसके बाद सर्दियों में नदी का जलस्तर घटा तो ग्रामीणों ने भागीरथी नदी के उपर लकड़ी डालकर अस्थाई व्यवस्था की, लेकिन गर्मियां शुरू होते ही नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है, तो इस लकड़ियों के उपर से आवाजाही मुश्किल हो गई है। ऐसे में ग्रामीणों को एक अदद पुल का इंतजार है। बीते साल स्यावा के पुल का प्रस्ताव तैयार किया गया। 120 मीटर लंबे स्पान के पुल के लिए साढे़ पाच करोड़ की धनराशि भी स्वीकृत की गई है, लेकिन अब मुश्किल निर्माण को किसी भी एजेंसी के सामने ना आने से है। यूडीआरपी दो बार इस पुल की निविदाएं निकाल चुका है इसके बावजूद कोई भी एजेंसी सामने नहीं आ रही है। ऐसे में आने वाले सालों में भी स्यावा के ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर ही भागीरथी की उफनती धाराओं को पार कर आवाजाही करनी पड़ेगी। स्यावा के ग्राम प्रधान बृजमोहन का कहना है कि पुल न होने से उन्हें बरसात में पंद्रह से बीस किमी के जंगल के रास्ते से सड़क तक पहुंचना पड़ता है, गांव में भारी सामान पहुंचाना भी बहुत मुश्किल बना हुआ है।

गाव का विस्थापन भी लटका

आपदा की मार से स्यावा गाव लगातार धंस रहा है। ऐसे में गाव के 140 से भी ज्यादा परिवारों के वजूद पर भी खतरा छा गया है। गाव के विस्थापन की कवायद भी फाइलों में ही घूम रही है।

'संबंधित विभाग ने निविदा फिर आमंत्रित की है, उम्मीद है इस बार एजेंसी सामने आए, हमारी प्राथमिकता वहा पुल निर्माण है ऐसे में नियम शतरें में भी जरूरत पड़ने पर ढील दी जाएगी, गाव के विस्थापन की प्रक्रिया भी चल रही है उम्मीद है जल्द शासन से हरी झडी मिल जाएगी यह मेरी प्राथमिकता में है। विजयपाल सिंह सजवाण, गंगोत्री विधायक।


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