यमुनोत्री रोपवे को अभी इंतजार
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : यमुनोत्री रोपवे से यात्रा का सपना इस बार भी पूरा नहीं हो सकेगा। खरसाली
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : यमुनोत्री रोपवे से यात्रा का सपना इस बार भी पूरा नहीं हो सकेगा। खरसाली से यमुनोत्री धाम तक बहुप्रतीक्षित रोपवे की योजना अभी धरातल पर नहीं उतर सकी है। इसके चलते आने वाली चारधाम यात्रा में भी यात्रियों को पंाच किमी की पैदल दूरी तय कर ही यमुनोत्री धाम तक पहुंना होगा।
खरसाली से यमुनोत्री धाम रोपवे प्रोजेक्ट की कवायद शुरू हुए पांच वर्ष से अधिक समय बीत गया है। पर्यटन विभाग इस प्रोजेक्ट को आइटीपीएल कंपनी के साथ पीपीपी मोड पर तैयार करवा रहा है। इसके तहत खरसाली गांव से यमुनोत्री धाम तक रोपवे तैयार किया जाना है। जो यात्रियों के साथ ही पर्यटकों को एक अलग अनुभव दिलाएगा, लेकिन अभी तक इस प्रोजेक्ट का काम धरातल पर शुरू नहीं हो सका है। इस प्रोजेक्ट पर पहले भूमि हस्तांतरण का पेंच फंसा था। दो साल पहले भूमि हस्तांतरण का विवाद सुलझने के साथ ही माना जा रहा था कि अब प्रोजेक्ट का कार्य धरातल पर शुरू हो जाएगा। अब भी यह प्रोजेक्ट एक इंच भी आगे नहीं बढ़ सका है। अब बताया जा रहा है कि प्रोजेक्ट को पर्यावरण मंत्रालय से एनओसी नहीं मिल सकी है। रोपवे के पूरे क्षेत्र में वन भूमि है और इस पर कोई भी कार्य करने के लिए पर्यावरण मंत्रालय से एनओसी जरूरी है। जिसके कारण विभाग व कंपनी प्रोजेक्ट को जमीन पर नहीं उतार रहे हैं। अधिक समय बीतने के कारण करीब दो करोड़ रुपए की लागत वाले इस प्रोजेक्ट की लागत भी बढ़ती जा रही है। वहीं अब तक सर्वे समेत विभिन्न कार्यो में बड़ी धनराशि खर्च भी हो चुकी है।
खरसाली गांव की बदलेगी तस्वीर
यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट से खरसाली गांव में पर्यटन गतिविधियां बढ़ जाएंगी। हालांकि ग्रामीणों में लंबे समय से इस परियोजना पर काम न होने पर रोष है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि रोपवे प्रोजेक्ट बन जाने से अब यात्री खरसाली गांव में भी पहुंच सकेंगे।
'खरसाली रोपवे प्रोजेक्ट की जरूरी औपचारिकताएं लगभग पूरी हैं, पर्यावरण मंत्रालय से एनओसी मिलते ही धरातल पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
केएस नेगी, प्रभारी पर्यटन अधिकारी।