मॉडल बनेगा उत्तरकाशी
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उत्तरकाशी को कृषि व बागवानी के मॉडल जनप
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उत्तरकाशी को कृषि व बागवानी के मॉडल जनपद के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने पलायन को रोकने व विकास की दिशा में आगे बढ़ने को कृषि को ही एकमात्र बेहतर विकल्प है। इसके अलावा पूरे प्रदेश में सौ औद्योगिक कौशल केंद्र बनाए जाएंगे।
मंगलवार की दोपहर मुख्यमंत्री जनपद के स्थापना दिवस पर डुंडा के रेणुका देवी मंदिर परिसर में आयोजित विकास मेले का उद्घाटन करने पहुंचे। इस दौरान आयोजित बहुद्देशीय शिविर में उन्होंने जनपद के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे लोगों की समस्याएं सुनी। उसके बाद अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी जनपद के लोग जीवट के धनी हैं। आपदा के हालात से हर बार उबरते हुए यहां के लोगों ने मिसाल पेश की है। कृषि और बागवानी के क्षेत्र में इस जिले ने खास पहचान पाई है। उन्होंने लोगों से सरकार की मेरा वृक्ष मेरा धन, किसान पेंशन योजना, तीलू रौतेली पेंशन योजना व वृद्धावस्था पेंशन जैसी योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की। इससे पूर्व भारत चीन युद्ध के बाद जादुंग से विस्थापित जाड़ भोटिया समुदाय के लोगों ने मुख्यमंत्री से अपने पुनर्वास की समस्या को हल करने की मांग की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बीते साल भागीरथी में एक व्यक्ति को बहने से बचाने वाले आइटीबीपी के जवान नरेंद्र सिंह को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर गंगोत्री विधायक व संसदीय सचिव विजयपाल सजवाण, नगर पालिका अध्यक्ष जयेंद्री राणा, डुंडा के ब्लॉक प्रमुख कनकपाल परमार, कांग्रेस जिलाध्यक्ष घनानंद नौटियाल, जिला दुग्ध संघ अध्यक्ष विजय सेमवाल समेत अनेक लोग मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने की घोषणाएं
-डुंडा गांव में पचास आवासीय भवनों का निर्माण
-जखारी गांव के लिए मोटर मार्ग का निर्माण
-जुणगा गांव में ऐलोपैथिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण
-सिंगुणी गांव से जसपुर तक सिंचाई नहर
-जीआईसी डुंडा का नामकरण लाखीराम सजवाण के नाम पर
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बहुद्देशीय शिविर में उमड़े लोग
जिले की स्थापना दिवस पर डुंडा में लगे बहुद्देशीय शिविर में लोग बड़ी तादाद में उमड़े। शिविर में विभिन्न प्रमाण पत्रों के साथ ही विधवा, विकलांग व वृद्धावस्था पेंशन के मामलों निस्तारण किया गया।
प्रीतम के गीतों ने बांधा समा
तीन दिवसीय विकास मेले के पहले दिन लोकगायक प्रीतम भरतवाण के गीतों ने समां बांध दिया। मां भगवती के जागर से प्रीतम ने सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत की। उसके बाद उन्होंने 'घुट घुट बाडुली' व 'सरूली-सुम्याल' जैसे अनेक गीतों से दर्शकों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। गायन में उनका साथ मंजू सुंदरियाल ने दिया। कार्यक्रम का संचालन अनिल गोदियाल ने किया।