एक माह से अंधेरे में पिलंग
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : जिले के सुदूरवर्ती गांव पिलंग में बिजली व्यवस्था मजाक बनकर रह गई है। ते
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : जिले के सुदूरवर्ती गांव पिलंग में बिजली व्यवस्था मजाक बनकर रह गई है। तेइस साल पहले यहां बिजली पहुंची, लेकिन तीन माह बाद ही भूकंप से बिजली गायब हो गई। इसके बाद जैसे-तैसे बीस साल बाद बिजली के दर्शन हुए लेकिन यह चार दिन की चांदनी ही साबित हुई। पिछले एक माह से पिलंग क्षेत्र अंधेरे में डूबा हुआ है। इससे लोग कड़ाके की सर्दी में बिना बिजली परेशान हो रहे हैं।
जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर मल्ला तक सड़क मार्ग और वहां से 18 किलोमीटर की पैदल दूरी पर है पिलंग गांव। गांव में वर्ष 1991 में बिजली लाइन पहुंची और 22 कनेक्शन जारी हुए थे। लेकिन तीन माह बाद ही विनाशकारी भूकंप से गांव की बिजली लाइन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। इसके बाद ग्रामीणों ने कई बार विद्युत लाइन दुरुस्त करने की आवाज उठाई मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया। करीब 20 वर्ष बाद नवंबर 2011 में गांव की विद्युत व्यवस्था दुरुस्त हो सकी। लेकिन वर्ष 2012 की बरसात शुरू होते ही बिजली ने फिर साथ छोड़ दिया।
बीते दो सालों से यही स्थिति बनी हुई है। कुछ दिनों के लिए गांव में बिजली आपूर्ति होती है और उसके बाद लंबे समय के लिए ठप हो जाती है। इस बार भी एक माह से पिलंग गांव की रातें अंधेरे में कट रही हैं। ग्राम प्रधान यमुना देवी कहती हैं बीडीसी बैठक में मामला उठाने के अलावा प्रशासन के संज्ञान में भी बात डाली गई है, लेकिन गांव में बिजली की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है।
पिलंग गांव में बिजली आपूर्ति बाधित होने की सूचना हमें नहीं मिल सकी है। अगर ऐसा है तो भटवाड़ी से हो रही विद्युत आपूर्ति की स्थिति को जांच कर उसे दुरुस्त करवा दिया जाएगा।
-शक्ति प्रसाद, ईई, विद्युत वितरण खंड, उत्तरकाशी