गरीब बच्चों का तारणहार बना कृष्णा
पुष्कर सिंह रावत, उत्तरकाशी : खुद गरीबी की मार झेल रहा डुण्डा ब्लॉक के थाती गांव का 15 वर्षीय कृष्णा
पुष्कर सिंह रावत, उत्तरकाशी : खुद गरीबी की मार झेल रहा डुण्डा ब्लॉक के थाती गांव का 15 वर्षीय कृष्णा क्षेत्र के गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देकर उन्हें जीने की नई दिशा प्रदान कर रहा है। राजकीय इंटर कॉलेज पिपली में दसवीं का यह छात्र ब्लैक बोर्ड के अभाव में मवेशियों को चारा डालने वाली टोकरी पर काला तिरपाल बांधकर बच्चों को पढ़ाता है। गरीबी शिक्षा की राह में बाधा न बने इसे लेकर उसकी यह मुहिम दो वर्षो से जारी है।
दरअसल, कृष्णा खुद गरीब परिवार से है, इसीलिए गरीबी की विवशता को समझता है। उसके पिता चंद्रमोहन ढोल वादक हैं और यही उनकी आजीविका का साधन है। ऐसे में गांव में शादी-विवाह के अवसर पर वह भी पिता के साथ ढोल बजाता है। इसके अलावा जागर व पंवाड़ा गायन की विधा में भी कृष्णा पारंगत है।
कृष्णा ने बताया कि दो साल पहले उसने निर्णय लिया कि गरीब बच्चों को पढ़ाकर वह उन्हें आगे बढ़ने में मदद करेगा। तब से उसकी यह मुहिम अब भी जारी है। बताया कि कक्षा एक से आठवीं तक के बीस बच्चे उसके पास पढ़ने आते हैं। पढ़ाने के लिए कोई नियत स्थान नहीं है। किसी भी परिवार से आग्रह कर उनके आंगन में यह अनोखा 'स्कूल' जम जाता है। छुट्टी के दिन ये कक्षाएं दोपहर में लगती हैं और अन्य दिन शाम को। अपनी पढ़ाई के लिए वो रात और सुबह का वक्त निकालता है। जितनी लगन से वो खुद पढ़ाई करता है उतनी ही तन्मयता से वह उन बच्चों को भी पढ़ाता है। कृष्णा का कहना है कि गरीब बच्चों को शिक्षा की मुहिम से जोड़कर उसे अच्छा लगता है और उसकी कोशिश रहती है कि अधिक से अधिक बच्चों को वो शिक्षा से जोड़ सके। राजकीय इंटर कॉलेज पिपली के प्रधानाचार्य जगराम सिंह बताते हैं कि कृष्ण कुमार होनहार है और हम उसे प्रोत्साहित करते हैं। थाती गांव के ग्राम प्रधान गिरवीर परमार को मलाल है कि इस होनहार बालक के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। वह कहते हैं कि बावजूद इसके वह गांव के गरीब बच्चों को नई दिशा दिखाने का काम कर रहा है।