दस फीसद उपभोक्ताओं का नहीं हुआ पंजीकरण
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : बैंक खाते में सब्सिडी के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर फॉर एलपीजी (डीबीटीए
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : बैंक खाते में सब्सिडी के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर फॉर एलपीजी (डीबीटीएल) पंजीकरण कर लिए रसोई गैस उपभोक्ताओं की एजेंसी में भीड़ उमड़ रही है।
रसोई गैस की सब्सिडी सीधे बैंक खाते में डालने के लिए उपभोक्ताओं को लंबी लंबी लाइनों में लगकर इंतजार करना पड़ रहा है। पंजीकरण की आखिरी तिथि 31 दिसंबर होने के चलते भारी संख्या में लोगों का हुजूम पंजीकरण के लिए टूट रहा है। जिले भर में तकरीबन 33 हजार रसोई गैस उपभोक्ता है। बीते सात दिसंबर से शुरू हुए पंजीकरण अभियान में अब तक केवल एक हजार उपभोक्ताओं का ही पंजीकरण हो सका है। ऐसे में कम दिनों में एजेंसी पर ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ताओं के पंजीकरण का दबाव बन रहा हैं तो वहीं भारी भीड़ जुटने के चलते गैस गोदाम ज्ञानसू में लंबी लंबी कतारें लग रही है। हालांकि अभी तक सिर्फ शहरी क्षेत्रों के उपभोक्ता ही पंजीकरण को पहुंच रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में अभी भी पंजीकरण शुरू नहीं हो सका है। वहीं जीएमवीएन गैस एजेंसी ने ग्रामीण क्षेत्रों में पंजीकरण के लिए अपने रसोई गैस ट्रकों के जरिए पंजीकरण फार्म भेजे हैं। इन फार्म पर ग्रामीण रसोई गैस के कागजों की प्रतिलिपि के साथ ही बैंक पासबुक की प्रतिलिपि लगाकर गांव के ग्राम प्रधान के मार्फत एजेंसी तक भिजवा सकते हैं।
'प्रयास किए जाएंगे कि सभी पंजीकरण सुनिश्चित हो, गांवों में गैस बांटने वाले ट्रकों के साथ पंजीकरण फार्म भेजे गए हैं, ग्राम प्रधानों से भी अपील की गई कि वे ग्रामीणों की मदद फार्म भरने में करें, जिससे काम में तेजी आ सके। केएल अवस्थी, प्रबंधक, जीएमवीएन गैस एजेंसी उत्तरकाशी।