सड़क निर्माण में डंपिंग जोन की अनदेखी
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: जिले में सड़क निर्माण में डंपिंग जोन की अनदेखी की जा रही है। सड़क कटिंग के
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: जिले में सड़क निर्माण में डंपिंग जोन की अनदेखी की जा रही है। सड़क कटिंग के बाद मलबे को बेतरतीब ढंग से नदी नालों और वनभूमि में डाला जा रहा है। इससे नदी नालों का प्रवाह अवरुद्ध होने के साथ ही वन संपदा को भी बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है।
नियमानुसार सड़क कटिंग के दौरान डंपिंग के लिए एक स्थान नियत किया जाता है, लेकिन जनपद में निर्माणाधीन धौंतरी कमद मोटर मार्ग, संगमचट्टी, देवीसौड़ जोगथ, डांडा-माजफ , ज्ञानसू-साल्ड, बंदरकोट-जुगुल्डी-पंजियाला व नाकुरी-सिंगोट मोटर मार्ग के निर्माण का मलबा सीधा भागीरथी या यहायक नदियों में डाला जा रही है। इससे नदी नाले नहीं हैं वहां वन भूमि पर उगी हरियाली इस मलबे की भेंट चढ़ रही है। वहीं बरसात के दौरान नदी नालों का जलस्तर बढ़ने से यही मलबा प्रवाह को और ज्यादा मारक बनाने के साथ ही पानी के रुख को अनियंत्रित कर देता है।
वन विभाग कर सकता है कार्यवाही
उत्तरकाशी : सड़क निर्माण में लोनिवि या बीआरओ के साथ ही स्थानीय प्रशासन व वन विभाग को भी डंपिंग जोन की निगरानी का अधिकार है। सड़क कटिंग के मलबे से कृषि भूमि के नुकसान के मामले में लोनिवि की ओर से संबंधित किसान को प्रतिकर देने का अधिकार है। वहीं डंपिंग जोन के लिए भूमि की अनुमति वन विभाग से लेनी होती है, वन संपदा के नुकसान के मामले में वन विभाग संबंधित ठेकेदार या सड़क निर्माण एजेंसी पर कार्यवाही कर सकता है, लेकिन जनपद में अधिकांश मोटर मार्गो के निर्माण के तौर तरीके पर वन विभाग का ध्यान भी नहीं जा रहा है।
सड़कों के निर्माण में डंपिंग जोन के प्रावधान का पूरा पालन किया जाता है, कार्यदायी संस्थाओं को इस संबंध में पूरी हिदायत दी जाती है, इसके बावजूद अगर कुछ इलाकों में इसका पालन नहीं किया जा रहा है तो उसका निरीक्षण कर स्थिति सुधारी जाएगी।
ओमप्रकाश, अधीक्षण अभियंता, लोनिवि