गजब निजाम के गजब अधिकारी
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : निजाम भी गजब और अधिकारी भी गजब। जब बाढ़ सुरक्षा कार्यो में तेजी लाने की
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : निजाम भी गजब और अधिकारी भी गजब। जब बाढ़ सुरक्षा कार्यो में तेजी लाने की जरूरत थी तब काम की रफ्तार धीमी हो गई। काम को अंजाम देने वाली कंपनियों की मनमानी के आगे प्रशासन बेबस नजर आ रहा है। हालत यह है कि अधिकांश जगहों से कंपनियों ने संसाधन कम कर दिए हैं। यही हाल रहा तो नहीं लगता कि बरसात तक काम पूरा हो पाएगा।
भागीरथी के दोनों तटों पर बाढ़ सुरक्षा कार्यो की गति तेजी नहीं पकड़ रही है। जबकि नदी में पानी कम होने के कारण काम करने के लिए यह समय सबसे उपयुक्त था। गंगोरी से उत्तरकाशी तक आबाद बस्तियों को बचाने के काम में लापरवाही बरती जा रही है। बाढ़ सुरक्षा कार्यो पर नजर डालें तो गंगोरी में असीगंगा के दोनों ओर भागीरथी के तट पर गंगोत्री हाईवे की ओर बाढ़ सुरक्षा कार्य चल रहे हैं। इससे आगे उजेली में कैलाश आश्रम और गंगा विहार तक सुरक्षा दीवार बनाई जानी है। जबकि इसके ठीक दूसरी ओर मांडों गांव के नीचे और तिलोथ के तटवर्ती इलाके को बचाने के लिए काम किया जाना है। इससे आगे मनेरी भाली द्वितीय चरण परियोजना के पावर हाउस से इंद्रावती नदी तक सुरक्षा दीवार तैयार की जानी है। जबकि इससे आगे नदी के दोनों ओर जोशियाड़ा मोटर पुल तक सुरक्षा दीवार निर्माण का काम होना है। इन कार्यो को शुरू हुए एक साल होने को है। लेकिन अब तक पच्चीस फीसदी काम भी नहीं हुआ है। यही नहीं, अभी सुरक्षा दीवार निर्माण के बाद नदी में मलबे के स्तर को सामान्य करने का काम भी शेष है। जोशियाड़ा और मुख्य बाजार के बीच और गंगोरी में भागीरथी नदी में अब भी बड़ी मात्रा में मलबा होने के कारण नदी का तल काफी उठा हुआ है। कई जगहों पर यह तल सुरक्षा दीवार के बराबर ही नजर आ रहा है। लेकिन धरातल पर काम की स्थिति यह है कि अधिकांश ठेकेदार कंपनियों ने इन दिनों मशीनें, मजदूर और अन्य संसाधन घटा दिए हैं। इससे नगर क्षेत्र व आस पास की हर तटवर्ती बस्ती के लोग संशय में हैं। प्रशासन की ओर से बाढ़ सुरक्षा कार्य की निगरानी की जिम्मेदारी संभाले आपदा प्रबंधन तंत्र का दबाव भी बाढ़ सुरक्षा कार्यो पर नहीं पड़ रहा है।
धीमे काम पर सीएस जता चुके नाराजगी
बीते मंगलवार को उत्तरकाशी पहुंचे राज्य के मुख्य सचिव एन.रविशंकर ने भी बाढ़ सुरक्षा कार्यो का जायजा लेने के बाद काम की धीमी गति पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने अधिकारियों से पहली बात यही कही कि नदी के दोनों तटों पर बाढ़ सुरक्षा कार्यो को और तेज किए जाने की जरूरत है। साथ ही गुणवत्ता की भी निगरानी की जाए, ताकि बरसात से पहले उत्तरकाशी और आस-पास की बस्तियां सुरक्षित हो सकें।
'बाढ़ सुरक्षा कार्यो में तेजी लाने के निर्देश दिए जा रहे हैं। मुख्य रूप से सिंचाई विभाग और जल विद्युत निगम के तहत हो रहे कार्य अब तेज होंगे।'
-सी. रविशंकर, जिलाधिकारी
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