कच्ची लकड़ियों के सहारे नदी पार करने की मजबूरी
संवाद सूत्र, बड़कोट : बंचाण गांव के निकट थातरूका तोक में लोगों को सड़क पर जाने के लिए जान हथेली पर रखक
संवाद सूत्र, बड़कोट : बंचाण गांव के निकट थातरूका तोक में लोगों को सड़क पर जाने के लिए जान हथेली पर रखकर बडियाड़ नदी पार करनी पड़ रही है। नदी पार करने के लिए कच्ची लकड़िया लगाई गई हैं, जो कभी भी जान के लिए खतरा बन सकती हैं। सरकार ने बरसों बाद भी इस समस्या को हल करने की सुध नहीं है। बीते बरसों में तीन लोग इस पुलिया से फिसलकर जान गंवा चुके हैं। नाराज ग्रामीणों ने एसडीएम देवमूर्ति यादव को ज्ञापन देकर पुल निर्माण और सड़क ठीक करने की गुहार लगाई।
सोमवार को ग्राम बंचाण गांव के ग्राम प्रधान सोबत सिंह रावत के नेतृत्व में ग्रामीणों ने बड़कोट के एसडीएम देवमूर्ति यादव को समस्या से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि इस कच्ची पुलिया से जान का खतरा बना हुआ है। एक महिला भी पुलिया पार करते समय नदी में गिर गई हालांकि उसे किसी तरह बचा लिया गया। इससे पहले तीन लोगों की जान नदी में गिरने से जा चुकी है। बताया कि वन विभाग का बना लकड़ी का कच्चा पुल बरसात के मौसम में हर साल बह जाता है। इसके बाद ग्रामीण नदी पर लकड़ी की बल्लियां लगाकर आवाजाही करते हैं, जो लोगों के लिए जान का सबब बन जाता है। जबकि वन विभाग पुलिया बनाने के लिए हर साल बजट का इंतजार करता रहता है। साथ ही यहां से गुजरने वाला रास्ता मरम्मत के अभाव में जानलेवा बना है। इस मार्ग से करीब दस हजार की जनसंख्या वाले एक दर्जन गांव निरंतर आवागमन करते हैं।
एसडीएम ने मार्ग को बनाने के लिए सरनौल मोटर मार्ग पर काम कर रहे पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता को कहा और वन विभाग को भी पुल बनाने के निर्देश दिए। इस मौके पर ग्रामीण विनोद सिंह, ममराज सिंह, उपेंद्र सिंह, अष्टम सिंह, चंद्र सिंह, विरेंद्र सिंह, जयंती प्रसाद, अरविंद राणा, हरीश समेत अन्य ग्रामीण मौजूद थे।
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