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अतिक्रमण की होड़

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : जिला मुख्यालय में अवैध कब्जों का सिलसिला लगातार जारी है। कब्जे करने वाल

By Edited By: Published: Sun, 23 Nov 2014 03:30 AM (IST)Updated: Sun, 23 Nov 2014 12:38 AM (IST)
अतिक्रमण की होड़

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : जिला मुख्यालय में अवैध कब्जों का सिलसिला लगातार जारी है। कब्जे करने वालों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे खुले आम हर कायदे कानून को तोड़ रहे हैं। इसके कारण जिला प्रशासन की नाक के नीचे बड़े पैमाने पर सरकारी जमीन निजी फायदे के लिए इस्तेमाल की जा रही है। इसके बावजूद जिला प्रशासन की इन अवैध कब्जों पर नजर भी नहीं पड़ रही है।

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पहले से अतिक्रमण से जूझ रहे जिला मुख्यालय उत्तरकाशी में अब अवैध कब्जों की होड़ मच गई है। नगर पालिका क्षेत्र में यह होड़ और भी ज्यादा है। सरकारी जमीन पर पहले टीनशेड डालकर छोड़ देना और उसके कुछ समय बाद उसे पक्के निर्माण में तब्दील करने का तरीका बदस्तूर अपनाया जा रहा है। लेकिन, जिला प्रशासन या नगर पालिका इन अवैध कब्जों पर सख्त नहीं हो रही है। अवैध कब्जों का एक रूप यह भी है कि निजी फायदे के लिए सरकारी भूमि का बिना अनुमति के उपयोग किया जा रहा है। जिला मुख्यालय में ही रामलीला मैदान व जिला प्रशासन के बैडमिंटन हॉल के समीप इसी तरह दो निजी जेनरेटर सरकारी जमीन पर लगा दिए गए हैं। अवैध कब्जों का यह सिलसिला वरुणावत पर्वत की तलहटी में घोषित किए गए बफर जोन में सबसे ज्यादा है। यहां गोफियारा बस्ती के समीप बड़े पैमाने पर बनाए गए टीनशेड पर भी ना तो नगर पालिका और ना ही जिला प्रशासन की नजर पड़ सकी है। वहीं केदारघाट, तिलोथ पुल, इंदिरा कॉलोनी, ज्ञानसू बस्ती में भी सरकारी जमीन कब्जाने का सिलसिला थम नहीं रहा है। हालांकि नगर पालिका परिषद एकाध बार इस तरह के अवैध कब्जों को हटाने के प्रस्ताव बोर्ड बैठकों में पारित कर चुकी है। लेकिन, धरातल पर इस दिशा में कोई कार्रवाई सामने नहीं आ सकी है।

बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में भी कब्जों पर जोर

जिला मुख्यालय में भागीरथी तटों के दोनों ओर बाढ़ से तबाह हुए क्षेत्र में भी अवैध कब्जों का सिलसिला शुरू हो गया है। केदारघाट से मणिकर्णिका घाट तक की भूमि पर कच्चे पक्के निर्माण इसकी गवाही दे रहे हैं। हालांकि इस क्षेत्र में बाढ़ सुरक्षा कार्य भी प्रस्तावित हैं। इसके बावजूद कब्जाधारी कब्जा छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों को सूचीबद्ध कर संबंधित लोगों को नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है। कब्जे न हटाने की दशा में ऐसे निर्माण ध्वस्त किए जाएंगे।

केके सिंह, एसडीएम, उत्तरकाशी


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