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जोशियाड़ा में बाढ़ सुरक्षा कार्यो पर सवाल

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : जोशियाड़ा क्षेत्र में बाढ़ सुरक्षा दीवार का निर्माण सवालों के घेरे में आ

By Edited By: Published: Tue, 28 Oct 2014 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 28 Oct 2014 01:01 AM (IST)
जोशियाड़ा में बाढ़ सुरक्षा कार्यो पर सवाल

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : जोशियाड़ा क्षेत्र में बाढ़ सुरक्षा दीवार का निर्माण सवालों के घेरे में आने लगा है। दीवार पर उभर रही दरारें और झड़ता सीमेंट घटिया गुणवत्ता की चुगली कर रहा है। इसके बावजूद अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे। नतीजा यह कि इस कार्य का जिम्मा संभाले ठेकेदार कंपनी मनमानी पर उतारू है। करोड़ों रुपये के सरकारी धन को ठिकाने लगाने की तैयारी है।

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उत्तरकाशी में बाढ़ प्रभावित जोशियाड़ा क्षेत्र की सुरक्षा का जिम्मा जल विद्युत निगम के पास है। इसके लिए निगम को 55 करोड़ रुपये की लागत से जोशियाड़ा की ओर इंद्रावती पुल से जोशियाड़ा मोटर पुल तक करीब पांच सौ मीटर लंबी दीवार का निर्माण करना है। जबकि भागीरथी की दूसरी ओर मुख्य बाजार क्षेत्र में केदारघाट से तांबाखाणी बस्ती तक दीवार तैयार की जाएगी। अब तक जोशियाड़ा क्षेत्र में करीब पंद्रह करोड़ रुपये की लागत से डेढ़ सौ मीटर तक दीवार तैयार हुई है। लेकिन इस दीवार की गुणवत्ता को निर्माण कंपनी ने पूरी तरह ताक पर रख दिया है। इसके चलते यह घटिया गुणवत्ता का नमूना बनती जा रही है। दीवार पर कई जगह दरारें उभर आई हैं। वहीं कई जगह से दीवार से सीमेंट मिट्टी की तरह झड़ने लगा है। इसे लेकर स्थानीय लोग विरोध भी जता चुके हैं। लेकिन जलविद्युत निगम या ठेके पर काम कर रही निर्माण कंपनी पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है। जबकि नियमों को ताक पर रख भागीरथी तट पर नजदीक ही लगाए गए स्टोन क्रशरों से ही निर्माण कंपनी को निर्माण सामग्री की आसानी से उपलब्ध हो रही है। इसके बावजूद बाढ़ सुरक्षा कार्य में लापरवाही कर सरकारी धन को ठिकाने लगाया जा रहा है।

ऐसे होगी सुरक्षा

बाढ़ सुरक्षा कार्य के ड्राइंग के मुताबिक जल विद्युत निगम जोशियाड़ा क्षेत्र में भागीरथी तट पर दस से बारह मीटर ऊंची व तीन मीटर चौड़ी आरसीसी की दीवार तैयार करेगा, जिसकी नींव नदी तल से तीन से चार मीटर गहरी रखी गई है। इस दीवार का निर्माण अलग-अलग ब्लॉक बनाकर किया जाएगा, जिसमें सीमेंट के साथ ही सरिया का भी प्रयोग किया जा रहा है।

ग्रामीणों ने रुकवाया काम

मांडों गांव में भी घटिया बाढ़ सुरक्षा दीवार निर्माण के कारण ग्रामीणों ने काम रुकवा दिया। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से इसकी शिकायत कर कार्यदायी विभाग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। लेकिन जिला प्रशासन की ओर से इस दिशा में फिलहाल कोई कदम नहीं उठाया गया है।

नमूने फेल पर कार्रवाई नहीं

बीते साल गढ़वाल आयुक्त ने उत्तरकाशी पहुंचकर वर्ष 2012 में हुए बाढ़ सुरक्षा कार्यो के नमूने लिए थे, जिसमें असीगंगा नदी के दोनों ओर के बाढ़ सुरक्षा कार्य शामिल थे। ये सभी कार्य सिंचाई विभाग ने कराए थे। लैब में परीक्षण के बाद सभी नमूने फेल पाए गए। बावजूद इसके किसी पर भी इसकी जिम्मेदारी तय नहीं की गई।

'दीवार निर्माण में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। निगम के इंजीनियर लगातार मौके पर काम पर नजर बनाए हुए हैं। इसके बावजूद गुणवत्ता को लेकर समय-समय पर परीक्षण भी किया जा रहा है।'-जीबी सिंह, डीजीएम, जल विद्युत निगम


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