त्योहारी मनाएं पर सेहत संभालकर
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : त्योहारी सीजन में खाद्य वस्तुओं में मिलावट का खेल जोरों पर है। जिला मुख
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : त्योहारी सीजन में खाद्य वस्तुओं में मिलावट का खेल जोरों पर है। जिला मुख्यालय समेत जनपद के सभी कस्बों तक यह गोरखधंधा बदस्तूर चल रहा है, लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग इस स्थिति के सामने लाचार बना हुआ है। हालत यह है कि इस बार अभी तक विभाग महज डेढ़ किलो नकली मावा ही नष्ट कर सका है।
जिले में खाद्य सुरक्षा भगवान भरोसे है। खास तौर पर त्योहारों के सीजन में नकली मावा, मिठाइयां और खाद्य तेल धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। वहीं एक्सपायरी डेट का सामान भी दुकानों में भरा पड़ा है, लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग की नजर इस ओर नहीं पड़ सकी है। इस गोरखधंधे पर नजर रखने के लिए विभाग की कोशिशों पर नजर डालें तो अभी तक यमुना घाटी के नौगांव, पुरोला व मोरी में ही कुछ जगहों पर छापे मारे गए हैं जिसमें महज डेढ़ किलो खराब मावा नष्ट किया गया है। गंगा घाटी में अभी अभियान भी शुरू नहीं हो सका है, जबकि खराब खाद्य पदार्थ बेचे जाने की शिकायतों का अंबार लगा हुआ है। इस पर कार्यवाही करने के लिये विभाग के अपने इंतजाम भी पूरे नहीं है। जिले में लंबे समय से महज एक खाद्य सुरक्षा निरीक्षक तैनात है। जबकि छह तहसीलों के लिए छह निरीक्षकों की जरूरत है और इतने ही पद स्वीकृत भी हैं। ऐसे में विकट भौगोलिक परिस्थिति वाले जिले में खाद्य सुरक्षा बहाल करना दूर की कौड़ी ही साबित हो रहा है।
प्रभावी नहीं खाद्य सुरक्षा व्यवस्था
उत्तरकाशी : जिले में खाद्य सुरक्षा प्रभावी न होने से सैंपलिंग की स्थिति ठीक नहीं है। होली के त्योहार के दौरान पूरे जिले से एक्सपायरी डेट व खराब खाद्य पदार्थो के महज दस नमूने भरे गए। इनमें से अभी दो नमूनों की ही रिपोर्ट आई है। इसमें खराब पनीर के एक मामले में विभाग की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया है।
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'जिले में मिलावट को रोकने व खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। गंगा घाटी में अभियान चलाया जाना शेष है, हालांकि इसमें निरीक्षकों की कमी लगातार महसूस की जा रही है'।
पीएस बिष्ट, खाद्य सुरक्षा अधिकारी