मशाल तले अंधकार का साम्राज्य बरकारार
संवाद सूत्र, बड़कोट : 'आंख का अंधा और नाम नयनसुख', यह कहावत नौगांव प्रखंड के मशाल गांव पर पूरी तरह से सटीक बैठता है। यह गांव नाम का मशाल है, लेकिन तीन महीने से यहां की रातें अंधेरे में बीत रही हैं। तीन महीने पहले गांव में ट्रांसफार्मर खराब होने के बाद गांव में बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी। इसके बावजूद विद्युत विभाग यहां आपूर्ति बहाल करने को कोई कदम नहीं उठाया है। वहीं ग्रामीणों ने भी जल्द आपूर्ति बहाल ना होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
नौगांव प्रखंड के मशाल गांव में बीते जून के अंत में बिजली के दो ट्रांसफार्मर जल गए थे। इसके बाद से गांव में बिजली आपूर्ति बंद हो गई। तीन महीने का समय गुजरने के बाद भी ये खराब ट्रांसफार्मर बदले नहीं जा सके हैं। इसके चलते आपूर्ति बहाल नहीं हो पा रही है। ऐसे में गांव में संचार माध्यम भी ठप पड़े हुए हैं। ग्रामीणों को मोबाइल की बैटरी चार्ज करने तक के लिए पड़ोस के गांव का रुख करना पड़ता है। वहीं बिजली ना होने से अंधेरा होते ही पूरे गांव में वीरानी छा जाती है। रोशनी की व्यवस्था ना होने से जंगली जानवरों को खतरा भी हर वक्त बना रहता है। ग्रामीण दिपेंद्र सिंह, अरविंद सिंह, लोकेंद्र सिंह, अनोद, ज्ञान, प्रवीन बताते हैं कि ट्रांसफार्मर जलने के बाद विभाग को इसकी सूचना दे दी गई थी, लेकिन विभाग की ओर से तीन महीने बाद भी इसे बदलने के कोई पहल नहीं की गई। वहीं विद्युत विभाग की माने तो यह ट्रांसफार्मर जले नहीं थे बल्कि अराजक तत्वों ने इनमें तोड़ फोड़ की थी। विभाग ने दावा किया है कि एक ट्रांसफार्मर में तोड़ फोड़ के बाद जब दूसरा ट्रांसफार्मर लगाया गया तो कुछ अराजक तत्वों ने उस ट्रांसफार्मर को भी तोड़ दिया। विभाग कनिष्ठ अभियंता रंजन कुमार ने बताया कि यहां ट्रांसफार्मर को अराजक तत्व नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसके चलते यहां आपूर्ति बहाल करने में दिक्कत पैदा हो रही है। उन्होंने बताया कि जल्द यहां ट्रांसफार्मर को दुरुस्त कर आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी।