इलाज न मिलने पर बैरंग लौटी वृद्धा
संवाद सूत्र, नौगांव: पीपीपी मोड पर संचालित होने के बावजूद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगांव के हालात नहीं सुधर सके हैं। अस्पताल में फिजीशियन नहीं है। जिस कारण लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। डॉक्टर न होने के कारण 83 वर्षीय वृद्धा को उपचार नहीं मिल सका व उसे देहरादून रवाना होना पड़ा।
सोमवार को नौगांव प्रखंड के कोटियाल गांव निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. स्यालिक राम की पत्नी जगदंबा उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगांव पहुंची। अस्पताल की बदहाल व्यवस्थाओं के चलते एक घंटे तक इंतजार करने पर उपचार न मिलने से उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। वृदेश्वर ने बताया कि वह वृद्ध मां को उपचार के लिए अस्पताल ले गया। वहां शुगर की जांच की गई, लेकिन उपचार की बात आई तो अस्पताल में फिजीशियन न होने के कारण बैरंग लौटना पड़ा। ऐसे में उन्हें अब मां को उपचार के लिए देहरादून ले जाना पड़ रहा है। दरअसल, इससे पूर्व भी कई बार अस्पताल की बदहाल व्यवस्थाओं के कारण मरीजों को उपचार नहीं मिल सका। अस्पताल के लिए स्वीकृत डॉक्टरों के 12 पदों में से महज चार डॉक्टर क्षेत्र की बीस हजार से अधिक जनता की सेहत का जिम्मा संभाले हुए हैं। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मेजर बचन सिंह रावत ने कहा कि वृद्धा शुगर की मरीज हैं। उनका निशुल्क परीक्षण कराया गया, लेकिन फिजीशियन न होने के कारण उपचार नहीं हो सका।