यात्रा पर भूस्खलन का ब्रेक
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : गंगोत्री व यमुनोत्री यात्रा पर लगातार भूस्खलन का ब्रेक लग रहा है। सड़कों के लगातार बंद होने से भी यात्रियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे मेंइन दोनों धामों में इन दिनों बेहद मामूली संख्या में ही यात्री पहुंच रहे हैं।
बीते साल की आपदा के बाद गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की यात्रा बरसात के दिनों में पूरी तरह बंद हो गई थी। वहीं इस बार यात्रा जारी है, लेकिन उस पर हर दिन भूस्खलन ब्रेक लगा रहा है। इस स्थिति के कारण दोनों धामों में यात्रियों की तादाद बहुत कम हो गई है। गंगोत्री धाम में ही जल भरने पहुंच रहे शिवभक्तों के कारण थोड़ी बहुत चहल पहल दिख रही है। जबकि यमुनोत्री रूट पूरी तरह से वीरान नजर आ रहा है। गंगोत्री रूट पर सुक्की, हेलगू, लालढांग, नेताला व रतूड़ीसेरा में आए दिन भूस्खलन हो रहा है। बुधवार को भी इन जगहों पर यात्रियों को सड़क पर मलबा आने के कारण रुकना पड़ा। वहीं यमुनोत्री रूट पर बाडिया व स्यानाचट्टी के भूस्खलन सक्रिय हैं। सामान्य परिस्थितियों में उत्तरकाशी से गंगोत्री पहुंचने में साढ़े चार घंटे का समय लगता है, लेकिन ऐसे हालात में आठ से दस घंटे में यात्री गंगोत्री धाम तक पहुंच रहे हैं। यही स्थिति यमुनोत्री हाईवे पर भी है। हालांकि सभी भूस्खलन जोन पर इस बार लोनिवि राजमार्ग निर्माण खंड व बीआरओ ने मशीनें लगाई हुई हैं, लेकिन सड़क बंद होने पर लौटते हुए यात्री खुद को फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं। यही वजह है कि बीते एक हफ्ते में दो दिन यात्रा पर रोक रही। उसके बाद यमुनोत्री धाम में पांच दिन में पांच सौ यात्री भी नहीं पहुंच सके हैं, जबकि गंगोत्री धाम में कांवड़ यात्रा होने के बावजूद करीब एक हजार यात्री ही पहुंच सके हैं। जबकि वर्ष 2013 से पूर्व बरसात के दिनों में भी हर दिन दोनों धामों पहुंचने वाले यात्रियों की तादाद दो हजार तक होती थी। बुधवार को रतूड़ीसेरा में सड़क खुलने का इंतजार करते गंगोत्री से वापस लौट रहे सोलह लोगों के दल के साथ शामिल दिल्ली निवासी संतोष कुमार ने बताया कि सड़क बंद होने से कई जगह लंबा इंतजार करना पड़ा और यह आशंका भी बनी रही कि आज सड़क खुलेगी भी या नहीं। वहीं दिल्ली के ही हर्ष व ऋषिराज ने बताया कि गंगोत्री की ओर जाते हुए उन्हें उतनी समस्या नहीं हुई जितनी अब लौटने में हो रही है।
'गंगोत्री हाईवे के सभी भूस्खलन जोन पर मशीनें तैनात हैं, यात्रियों के फंसने जैसी कोई बात नहीं है। यात्रा व्यवस्था व यात्रियों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।'
बीके मिश्रा, एडीएम उत्तरकाशी।