सात गांव में भुखमरी के हालात
संवाद सूत्र, पुरोला : एक वर्ष से क्षतिग्रस्त बैंचा पुल न बनने से लिवाड़ी, फिताड़ी, राला, कास्ला, रैक्चा व पुजेली गांव में तीन माह से खाद्यान्न आपूर्ति बंद है जिससे इन गांवों में भुखमरी की स्थिति पैदा होने लगी है। हालात की जानकारी मिलने पर मंगलवार को एसडीएम ने पीएमजीएसवाई को पुल की मरम्मत करने के साथ ही पूर्ति विभाग को शीघ्र खाद्यान्न आपूर्ति के निर्देश दिए।
क्षतिग्रस्त बैंचा घाटी पुल से सात गांवों के लोग अलग थलग पड़े हुए हैं। इन गांवों में तीन माह से खाद्यान्न न पहुंचने से हालात और विकट होते जा रहे हैं। मंगलवार को इसकी सूचना मिलने पर एसडीएम ने पूर्ति विभाग के अधिकारियों के साथ खेडा घाटी बैंचा पुल का स्थलीय मुआयना किया। उन्होंने तीन दिन में पुल की मरम्मत व पूरा करने और सातों गांव में खाद्यान्न पंहुचाने के निर्देश दिए। बीते वर्ष जून माह में सुपीन नदी में बाढ़ के चलते पंचगाई पट्टी को जोड़ने वाला बैंचा घाटी में 10 वर्ष पुराना झूला पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। शासन ने पीएमजीएसवाई को पुल की मरम्मत, सड़क कटिंग तथा पार्क प्रशासन को मार्गों को खोलने का जिम्मा सौंपा किंतु एक वर्ष बाद भी पुल की मरम्मत नहीं हो सकी। वहीं पार्क प्रशासन की लापरवाही के कारण संपर्क मार्ग भी बहाल नहीं हो सके हैं। इस स्थिति के कारण सात गांव का खाद्यान्न दो माह से नैटवाड़ व जखोल स्थित गोदामों में पड़ा है। उधर, नदियों के उफान, बंद रास्तों व पुल न बनने से अब सात गांव के ग्रामीणों का पूर्व में रखा खाद्यान्न समाप्त होने पर संकट गहराने लगा है। एसडीएम ने बताया कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील 30 गांवों में हर हाल में आपदा से पूर्व खाद्यान्न भेजे जाने के निर्देश शासन की ओर से मिले थे, लेकिन संपर्क मार्ग व पुल ध्वस्त होने के कारण ये सात गांव वंचित रह गये हैं। पूर्ति विभाग व पीएमजीएसवाई को इसके लिये जरूरी हिदायत दी जा चुकी है।