नदी के कटाव से खतरे में महाविद्यालय
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी: भागीरथी में उफान से राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय उत्तरकाशी के पुरीखेत परिसर को खतरा पैदा हो गया है। परिसर के निचले हिस्से में तेजी से कटाव हो रहा है। इससे कला व बीएड संकाय के साथ ही कई अन्य भवनों के लिए भी खतरा बढ़ रहा है।
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पुरीखेत परिसर के लिए भागीरथी का बढ़ता जलस्तर बढ़े खतरा बनने लगा है। गत वर्ष भागीरथी में आई बाढ़ से परिसर के निचले हिस्से में भारी कटाव हुआ था। सुरक्षा के नाम पर यहां वायरक्रेट बिछाए गए जो भागीरथी के उफान से बहने लगे हैं। ऐसे में नदी के जलस्तर में ज्यादा बढ़ोत्तरी होने पर महाविद्यालय परिसर को नुकसान हो सकता है। नदी से सटे महाविद्यालय के कला संकाय, कल्चर टिश्यू लैब व उत्तराखंड मुक्त विवि कार्यालय पर खतरा मंडरा रहा हैं। शिक्षा संकाय के भवन को भी खतरा है। महाविद्यालय की ओर कटाव जारी रहा तो भारी नुकसान हो सकता है। गत वर्ष की बाढ़ से महाविद्यालय की सुरक्षा दीवार नदी में समा चुकी है। ऐसे में तटीय भवनों तक उफनाई नदी का पहुंचना आसान हो गया है। महाविद्यालय को नुकसान होने की दशा में परिसर से सटे जड़भरत घाट मौहल्ले को भी नुकसान पहुंचेगा। गौरतलब है जोशियाड़ा की ओर बाढ़ सुरक्षा कार्य के लिए यहां बाढ़ सुरक्षा कार्य में लगी कंपनियों ने नदी का रुख नगर की ओर मोड़ रखा है। इससे भागीरथी का रुख महाविद्यालय की ओर से मुड़ गया है। परिसर की ओर नदी का रुख मुड़ने से कटाव का दायरा बढ़ रहा है।
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पुरीखेत परिसर में बीते सालों से ही खतरा बना हुआ है। फिलहाल तट से सटे भवनों से सुरक्षा की दृष्टि से सामान खाली करवाया गया है।
- प्रो. केएल मालगुड़ी, प्राचार्य, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय उत्तरकाशी
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