सावन में सूखा जनता का गला
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : मानसून की दस्तक के साथ ही नगर क्षेत्र में भी पानी की आपूर्ति डगमगाने लगी थी। बीते दिनों से भारी बारिश के बीच नगर क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति पूरी तरह से ठप है। लोगों को भारी बारिश के बीच ही रोजमर्रा की जरूरतों का पानी जुटाने के लिए हैंडपंपों पर लंबी लंबी लाइनें लगानी पड़ रही है।
बीते दिनों से भारी बारिश में नगर क्षेत्र में ठप पड़ी पेयजल आपूर्ति ने लोगों की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ा दी है। बीते सप्ताह से नगर क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति बंद पड़ी हैं। भारी बारिश के बीच भी लोगों को पानी जुटाने को हैंडपंपों पर लंबी लंबी लाइनों में लगकर रोजमर्रा की जरूरतों के लिए पानी जुटाना पड़ रहा है। पेयजल संस्थान की ओर से अस्थाई व्यवस्थाओं से उस दौरान पेयजल आपूर्ति तो बहाल करवाई लेकिन यह अस्थाई व्यवस्थाएं अब लोगों पर भारी पड़ रही है। इस बार गर्मियों की दस्तक के दौरान ही लोगों को पानी के लिए खूब पसीना बहाना पड़ा था। लेकिन तब भी जल संस्थान ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया था। जलस्त्रोतों और लाइनों की स्थिति को जानते हुए भी इस बार मानसून से पहले पेयजल संस्थान ने पेयजल आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए ना तो कोई खास कदम उठाए ना हीं मानसून के दौरान आपूर्ति बहाल रखने को कोई कार्रवाई। लिहाजा अब जब बादल खूब बरस रहे हैं तो ऐसे में लोगों को खाली बर्तनों के साथ भीगते हुए हैंडपंपो पर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है।
'आम' बेहाल, खास को पानी
उत्तरकाशी : पेयजल आपूर्ति में भी पेयजल संस्थान खास को महत्व दे रहा है। कलक्ट्रेट कॉलोनी जहां जिले के सभी खासमखाम अधिकारी कर्मचारी रहते है उस इलाके में नियमित आपूर्ति हो रही है जबकि बाजार क्षेत्र, ज्ञानसू, उजेली, जड़भरत, मणिकर्णिका, बाल्मिकी बस्ती, अबंडेकर मोहल्ला, इंदिरा मोहल्ले में पेयजल आपूर्ति पूरी तरह से बंद की हुई है।
'असी गंगा में गाद आने से आपूर्ति में दिक्कतें आ रही है, कर्मचारियों को स्रोतों में जमी गाद को हटाने के निर्देश दे दिए गए है, नियमित आपूर्ति को लेकर जल संस्थान पूरी तरह से मुस्तैद है।
आरएस नेगी, अधिशासी अभियंता, पेयजल संस्थान उत्तरकाशी।