यात्रा मार्गो पर स्वास्थ्य सुविधाएं नदारद
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी: आगामी मई से गंगोत्री-यमुनोत्री तीर्थयात्रा शुरू हो जाएगी, लेकिन इन दोनों धामों में पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य सुविधा के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी। वह इसलिए कि यात्रा मार्गो पर स्वास्थ्य सुविधाएं नदारद हैं। यात्रा मार्गो पर स्थित स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा प्रमुख पड़ावों पर स्थित स्वास्थ्य केंद्रों में न तो डॉक्टर हैं ना ही संसाधन। ऐसे में समझा जा सकता है कि स्वास्थ्य महकमा व सरकार यात्रा को लेकर कितनी गंभीर है।
गंगोत्री-यमुनोत्री यात्रा में यात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हालांकि प्रशासन ने इस बार स्वास्थ्य जांच के बाद शारीरिक रूप से सक्षम तीर्थयात्रियों को ही गंगोत्री-यमुनोत्री भेजने का फैसला किया है, लेकिन इसके बावजूद यात्रा के दौरान स्वास्थ्य संबंधी परेशानी आने पर यात्रियों को स्वास्थ्य सुविधा के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी। गत दो वर्षो में यात्रा सीजन के आंकड़े ही देखें तो यमुनोत्री-गंगोत्री में ही 17 यात्रियों मौत हृदय गति रुकने से हुई। स्वास्थ्य सुविधा न होने से अन्य यात्रियों की भी मौत हुई, लेकिन प्रशासन बीते सालों से सबक लेने को तैयार नहीं है। यात्रा रूट से सटे व प्रमुख यात्रा पड़ावों पर स्वास्थ्य केंद्रों में न डॉक्टरों की तैनाती हो सकी है ना ही इन स्वास्थ्य केंद्रों में आपातकालीन संसाधन उपलब्ध करवाए गए है।
एक फिजीशियन के भरोसे
जिले में यात्रा रूटों पर बने स्वास्थ्य केंद्रों में से मात्र जिला अस्पताल में ही फिजीशियन तैनात है, जबकि जिले में कहीं भी हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं है। ज्यादातर स्वास्थ्य केंद्रों पर मेडिकल ऑफिसर ही तैनात हैं।
यात्रा पड़ावों के स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति
गंगोत्री यात्रा मार्ग
-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़
-तीन चिकित्सक
-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डुंडा-एक चिकित्सक
-जिला अस्पताल उत्तरकाशी-हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं
-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भटवाड़ी-एक चिकित्सक
-एलोपैथिक अस्पताल गंगनानी - चिकित्सक नहीं
-एलोपैथिक अस्पताल हर्षिल- चिकित्सक नहीं
-एलोपैथिक अस्पताल गंगोत्री - सीजनल स्वास्थ्य केंद्र
यमुनोत्री यात्रा मार्ग
-अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डामटा - एक डॉक्टर
-एलोपैथिक अस्पताल बड़कोट - दो चिकित्सक
-एलोपैथिक अस्पताल- एलएमओ।
-एलोपैथिक अस्पताल- एक चिकित्सक
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जांच में स्वस्थ पाए गए यात्रियों को ही गंगोत्री व यमुनोत्री जाने दिया जाएगा। डॉक्टरों की कमी है, लेकिन प्रयास रहेगा कि यात्रा मार्गो पर जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं।
-डॉ. मयंक उपाध्याय, सीएमओ उत्तरकाशी