भागीरथी का जलस्तर बढ़ा
जागरण संवाददाता, उत्तारकाशी : मौसम में तपिश के साथ भागीरथी का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। बीते साल बाढ़ के बाद पानी कम होने पर जिन लोगों ने राहत की सांस ली थी। उनके माथे पर फिर से चिंता की लकीरें भी उभरने लगी हैं। लिहाजा तटवर्ती बस्तियों से लोग किराये के मकान छोड़कर दूसरी जगहों का रुख करने लगे हैं।
मनेरी भाली द्वितीय चरण परियोजना के बैराज से मिली जानकारी के अनुसार भागीरथी में इन दिनों पानी की मात्रा 61 क्यूमेक्स तक पहुंच गया है, जबकि मार्च माह के अंतिम सप्ताह में 45 से पचास क्यूमेक्स तक वाटर डिस्चार्ज मापा जा रहा था। बढ़ती गर्मी के साथ भागीरथी के उद्गम क्षेत्र में बर्फ पिघलने के साथ ही आने वाले दिनों में पानी का तेजी से बढ़ना तय है।
सर्दियों में शांत हुई भागीरथी में पानी बढ़ने के दिन आ गए हैं। बीते साल 17 जून की तबाही झेल चुके उत्तारकाशी नगर व आस पास की तटवर्ती बस्तियों फिर बेचैनी छाने लगी है। बाढ़ के बाद मलबे से उठा हुआ नदी का तल लहरों को इन बस्तियों तक धकेल सकता है। सुरक्षा के लिए किये जा रहे इंतजाम अभी दूर की कौड़ी हैं। जबकि बरसात के लिए दो महीने ही बचे हैं। इसके चलते तिलोथ, उजेली, गंगा विहार, वाल्मिकी बस्ती, जड़भरत व तांबाखाणी बस्ती एक बार फिर खतरे के मुहाने पर नजर आने लगी है। पानी का मटमैला होता रंग यहां के लोगों को लगातार परेशान कर रहा है। कुछ दिन पहले मणिकर्णिका घाट की सीढि़यां नदी के कटाव से ढहने के बाद खौफ और बढ़ गया है। जिनके अपने आशियाने इस खतरे के मुहाने पर हैं वे भी बरसात के दिनों के लिए सुरक्षित जगह तलाशने में जुट गए हैं। जबकि इन जगहों पर किराये पर रह रहे लोगों का पलायन शुरू हो गया है। जड़ भरत बस्ती में रह रहे ज्ञान तमांग, जगजीवन सिंह, विरेंद्र सकलानी, आदि ने बताया कि नदी के किनारे लगातार डर के साये में रहना पड़ता था। इससे रोजमर्रा के कामों पर भी असर पड़ रहा था इसलिए नदी किनारे की बस्ती को छोड़ना पड़ा। जबकि जड़भरत घाट निवासी प्रीतम गुंबर, दिनेश सौंदाल व गंगा विहार निवासी आत्माराम ने बताया कि उनके मकान बीते साल से ही कटाव की जद में हैं। किसी तरह बरसात के बाद का समय कट गया लेकिन अब अपनी सुरक्षा का इंतजाम खुद ही देखना होगा।
'बाढ़ सुरक्षा कार्यो पर लगातार नजर रखी जा रही है, नदी से मलबा हटाने के साथ ही सुरक्षा दीवार का काम तेजी से किया जा रहा है, बरसात से पहले लोगों को सुरक्षा देने के मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
श्रीधर बाबू अदांकी, जिलाधिकारी।