फंसा निर्मल गंगोत्री प्रोजेक्ट
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: निर्मल गंगोत्री प्रोजेक्ट बीते चार साल से धरातल पर नहीं उतर सका है। कारण यह है कि गंगोत्री धाम में ढांचागत सुविधाओं के विस्तार के लिए तैयार इस प्रोजेक्ट पर फिलहाल वन भूमि हस्तांतरण का पेंच फंसा हुआ है।
पचास करोड़ रुपये की लागत वाले निर्मल गंगोत्री प्रोजेक्ट पर कछुआ गति से काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत हर्षिल से गंगोत्री तक पर्यटन सुविधाओं का विस्तार किया जाना है। इन सुविधाओं में पार्किंग, व्यू प्वाइंट, शौचालय, कूड़ादान, स्नान घाट, रेलिंग, पथ प्रकाश की व्यवस्था की जानी है। वहीं वाहनों के संचालन को नियंत्रित करने के लिए भी बड़े व छोटे वाहनों की अलग पार्किंग बनाई जानी है। वर्ष 2010 में इस योजना पर काम शुरू हुआ, लेकिन अभी भैरोंघाटी से आगे परियोजना का नामोनिशान नजर नहीं आ रहा है। दरअसल, इस प्रोजेक्ट के लिए बड़े पैमाने पर वन भूमि की जरूरत है। इसके लिए पर्यटन विभाग ने बीते साल वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है। जनपद में पर्यटन की अन्य योजनाएं भी इस पेंच के कारण लटकी रही हैं। इसके चलते निर्मल गंगोत्री प्रोजेक्ट के तैयार होने में भी लंबा समय लगने के आसार हैं। तब तक गंगोत्री धाम पहुंचने वाले यात्रियों व पर्यटकों को अव्यवस्था का ही सामना करना पड़ेगा।
'निर्मल गंगोत्री प्रोजेक्ट में कुछ कार्य शुरू कर दिये गए हैं और वन भूमि हस्तांतरण के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है, उम्मीद है कि इस वर्ष अन्य जगहों पर भी कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
केएस नेगी, जिला पर्यटन अधिकारी।