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गोमुख का सफर, आसान नहीं डगर

By Edited By: Published: Sun, 05 May 2013 05:35 PM (IST)Updated: Sun, 05 May 2013 05:36 PM (IST)
गोमुख का सफर, आसान नहीं डगर

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: गोमुख टै्रक पर पर्यटकों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस टै्रक पर दरकते रास्ते, टूटी पुलिया, रास्ते में बड़े-बड़े हिमखंड जैसी बाधाओं को पार करके ही गोमुख तक पहुंचना संभव है। पर्यटन के साथ ही धार्मिक महत्व के इस ट्रैक पर पर्यटकों की आवाजाही अप्रैल माह में ही शुरू हो गई थी। बावजूद इसके गंगोत्री नेशनल पार्क अभी तक इन रास्तों को दुरुस्त नहीं कर पा रहा है। इससे कई पर्यटक बीच में ट्रैकिंग छोड़ वापस लौट रहे हैं।

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गंगोत्री धाम तक सड़क मार्ग के बाद गोमुख की पैदल यात्रा शुरू होती है। 18 किमी लंबा यह उच्च हिमालयी ट्रैक अपनी नैसर्गिक सुंदरता व गंगा भागीरथी के उद्गम के कारण धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। इसके चलते हर साल देशी विदेशी पर्यटक इस ट्रैक पर पूरे छह माह तक चहलकदमी करते हैं। इस बार हालात काफी बदतर हैं। गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन ने पिछले माह ही ट्रैकरों के लिए गोमुख की अनुमति जारी कर दी थी, लेकिन ट्रैक को दुरुस्त करने की जहमत नहीं उठाई। यात्रा सीजन के दौरान यह सबसे व्यस्त हिमालयी ट्रैक माना जाता है। इस बार हुई भारी बर्फबारी व ट्रैक पर पसरे हिमखंडों के आने से कई जगहों पर चलने लायक स्थिति नहीं रह गई थी। देवगाड के साथ ही तीन अन्य नालों पर पुलिया नहीं है। साथ ही गंगोत्री से महज तीन किमी आगे कनखू बैरियर के बाद पैदल मार्ग कई जगह ध्वस्त है।

बीते माह से अब तक 50 विदेशी व 193 भारत दल गोमुख की ओर रवाना हो चुके हैं। इनमें से अधिकांश दलों को चीड़वासा से ही वापस लौटना पड़ा है। गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन टै्रक को दुरस्त करने के लिए बर्फ पिघलने का इंतजार कर रहा है। ऐसे में गंगोत्री धाम से आगे गोमुख तक का सफर बेहद जोखिम भरा हो चला है। इससे तपोवन व कालिंदीपास जैसे उच्च हिमालयी ट्रैक रूट पर भी आवाजाही मुश्किल हो गई है।

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इन जगहों पर हैं दिक्कतें

-देवगाड में पुलिया ध्वस्त होने से पार करने में कठिनाई।

-देवगाड के समीप भारी हिमखंड पसरा होने के कारण पैदल चलना है कठिन

-कच्चा ढांग में लगातार दरकती पहाड़ी पर पैदल ट्रैक का नामोनिशान नहीं

-भुजगढ़ी में तेज बहाव वाले नाले पर पुलिया नहीं, पैदल ट्रैक भी बेहद खराब

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'ट्रैक को दुरुस्त करने का काम चल रहा है, गंगोत्री के कपाट खुलने के बाद ही ट्रैक पर आवाजाही तेज होने की उम्मीद है। तब तक इसे ठीक कर दिया जाएगा'-जीएन यादव, उपनिदेशक, गंगोत्री नेशनल पार्क।

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