गोमुख की राह अभी नहीं आसान
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: लगातार खराब हो रहा मौसम गोमुख ट्रैक पर आवाजाही में बाधक बना हुआ है। इस साल देर तक हुई बर्फबारी ने ट्रैक को कई जगहों पर ध्वस्त कर दिया है, जिसके चलते अप्रैल के पहले पखवाड़े तक ट्रैक पर आवाजाही संभव नहीं है।
जिले का सर्वाधिक लोकप्रिय गोमुख ट्रैक बीते साल अप्रैल के पहले हफ्ते में ही सैलानियों के लिए खुल गया था। इस बार हालात बदले हुए हैं। उच्च हिमालयी क्षेत्र में अब तक बर्फबारी का सिलसिला जारी है, जिससे ट्रैक पर पसरे ग्लेशियर अभी तक पिघले नहीं हैं। भुजगढ़ी, देवगाड व भोजवासा में भी ग्लेशियर से ट्रैक बुरी तरह ध्वस्त है। गंगोत्री नेशनल पार्क के कर्मचारियों के लिए पूरे ट्रैक की रेकी करना भी संभव नहीं दिख रहा है। ऐसे में गोमुख ग्लेशियर क्षेत्र में सन्नाटा पसरे रहने के आसार हैं।
स्थिति को देखते हुए गंगोत्री नेशनल पार्क ट्रैक पर आवाजाही के परमिट भी जारी नहीं कर रहा है। पार्क प्रशासन की तैयारी अप्रैल के पहले हफ्ते में रेकी करवाने की है। उसके बाद ट्रैक को दुरुस्त करवाने का काम शुरू करवाया जाएगा, जिसे पूरा होने में एक माह भी लग सकता है।
मई में रहेगा दबाव
उत्तरकाशी: वर्ष 2010 में मार्च माह में ही गोमुख ट्रैक पर आवाजाही शुरू हो गई थी, जबकि वर्ष 2011 व 12 में अप्रैल माह में ट्रैक खुल गया था। इस बार आवाजाही देर से शुरू होने के पूरे आसार हैं। ऐसे में मई व जून माह में ट्रैक पर दबाव बढ़ सकता है। हालांकि पार्क प्रशासन की ओर से एक दिन में अधिकतम 150 लोगों को ही प्रवेश की अनुमति जारी करता है।
गंगोत्री क्षेत्र में अब तक बर्फबारी जारी है और गोमुख ट्रैक इस बार हुई भारी बर्फबारी के कारण पूरी तरह बंद हो गया है। ऐसे में मौसम सामान्य होने पर ही इसे खोलने की कवायद शुरू की जा सकती है।
प्रताप रावत, वन क्षेत्राधिकारी, गंगोत्री नेशनल पार्क।
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