यातायात व्यवस्था दुरुस्त करना प्राथमिकता : डीआइजी
बाजपुर : खनन पर प्रतिबंध व यातायात व्यवस्था दुरुस्त करना पुलिस की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। इसमें
बाजपुर : खनन पर प्रतिबंध व यातायात व्यवस्था दुरुस्त करना पुलिस की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। इसमें पारदर्शिता अपनाई जानी चाहिए। यह कहना है कि उपपुलिस महानिरीक्षक जीएस मर्तोलिया का। वह कोतवाली में सीओ सर्किल की चौकियों व थानों के प्रभारियों की बैठक ले रहे थे।
मर्तोलिया ने कहा कि खनन वाहनों पर सख्ती की जाए। ओवर लोडिंग वाहन का चालान अनिवार्य किया जाए। साथ ही उन्होंने यातायात प्लान बनाने, पुलिस की कमी को देखते हुए होमगार्ड को प्रशिक्षित कर यातायात व्यवस्था में लगाने, चालान से जमा होने वाले पैसे को नए शासनादेश के अनुरूप पुलिस कार्य में उपयोग की योजना बनाने, अवैध शराब, जुआ आदि के अवैध कार्य पर अंकुश के लिए जमानत के समय न्यायालय को संबंधित अपराधी का पूर्व का रिकार्ड बना जमानत का विरोध करने, यातायात में बाधक रेहड़ी, ठेली वालों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए। इस मौके पर एसएसपी नीलेश भरणे, अपर पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा, पुलिस उपाधीक्षक जेएस पांगती, कोतवाल दानी राम आर्य, गदरपुर थानाध्यक्ष आरसी मखोलिया, दिनेशपुर थानाध्यक्ष एमएस दसोनी, एसएसआई हिमांशु पंत, एसआई सलाउद्दीन, कृष्ण कुमार, खुशवंत सिंह, पंकज जोशी, अजेंद्र प्रसाद आदि थे।
=============
यातायात जागरूकता के लिए टेली फिल्म की जा रही तैयार
चित्र परिचय 25बीजेपी 4==
==पुन: मित्र पुलिस की भूमिका में नजर आएगी यूके पुलिस
बाजपुर : उत्तराखंड पुलिस एक बार पुन: मित्र पुलिस की भूमिका में नजर आएगी। यातायात जागरूकता के लिए टेलीफिल्म तैयार की जा रही है। यह जगह-जगह दिखा लोगों को ट्रैफिक नियमों व अज्ञानता, लापरवाही के कारण होने वाले नुकसान की जानकारी देगी। द्वितीय पार्ट में युवाओं द्वारा किए जाने वाले स्टंट और उसमें जाती जान व जनमानस पर उसका प्रभाव इन मुद्दों को सम्मिलित किया जाएगा। तीसरे पार्ट में जहरखुरानी गिरोह के क्रियाकलापों व बचाव की जानकारी दी जाएगी। यह जानकारी पत्रकार वार्ता में डीआइजी जीएस मर्तोलिया ने दी। उन्होंने प्रभारियों को जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों समाजसेवियों से मधुर संबंध बनाने व यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने में सहयोग लेने की भी बात कही है।
================
एसएसपी ने किया मोबाइल चोरियों से इंकार
बाजपुर : साइबर क्राइम पर डीआइजी ने कहा कि यह व्यवस्था जिला स्तर पर ही संभव है। थानों में स्टॉफ कम है। इस कार्य को करने के लिए अनुभवी आदमी चाहिए। वहीं एसएसपी नीलेश भरणे ने मोबाइल चोरियों से इंकार करते हुए कहा कि अधिकांश मोबाइल खोते हैं, चोरी नहीं जाते। इसलिए इन पर कार्रवाई कर समय बर्बाद नहीं किया जा सकता।