नया नजरिया लाएगा कृषि में बदलाव
पंतनगर : गेहूं पर किए जाने वाले शोध के लिए नए नजरिये को अपनाए जाने की आवश्यकता है। प्रजनन के साथ ही
पंतनगर : गेहूं पर किए जाने वाले शोध के लिए नए नजरिये को अपनाए जाने की आवश्यकता है। प्रजनन के साथ ही विभिन्न शस्य क्रियाओं के शोध की ओर भी अतिरिक्त चौकस होकर कार्य करना होगा। जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय स्थित कृषि महाविद्यालय सभागार में अंतरराष्ट्रीय मक्का एवं गेहूं सुधार केंद्र (सिमिट) के वैज्ञानिक डॉ. रवि पी. ¨सह ने यह बात कही। वह वैश्विक गेहूं सुधार, उद्देश्य एवं प्रजनन रणनीति विषय पर व्याख्यान दे रहे थे। पंतनगर एग्रीकल्चर एल्यूमनाई सोसायटी (पास) के कार्यक्रम में विवि कुलपति डॉ. जे. कुमार बतौर अध्यक्ष उपस्थित थे।
इस दौरान डॉ. ¨सह ने सिमिट के विश्व स्तर पर उत्पादकता बढ़ाने के लिए गेहूं की प्रजातियों में चलाए जा रहे सुधार कार्यक्रमों की जानकारी भी दी। बताया गया कि खाद्य एवं कृषि संस्था (एफएओ) ने गेहूं की उत्पादकता प्रतिवर्ष 1.6 प्रतिशत बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य के मार्ग पर कई चुनौतियां खड़ी हैं। इनमें पर्यावरण में बदलाव, भू-जल स्तर में कमी, ऊर्जा एवं उर्वरकों की बढ़ती कीमत, कीट एवं बीमारियां तथा कृषि शोध क्षमता में हो रही कमी प्रमुख हैं। विवि कुलपति डॉ. कुमार ने डॉ. ¨सह को शॉल ओढ़ाकर एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया। इससे पूर्व अधिष्ठाता कृषि डॉ. डीएस पांडे ने डॉ. रवि पी. ¨सह के बारे में जानकारी दी। पास के सचिव डॉ. जेपी जायसवाल ने डॉ. ¨सह एवं कुलपति के साथ-साथ उपस्थित वैज्ञानिक एवं विद्याíथयों का स्वागत व कार्यक्रम का संचालन किया। कोषाध्यक्ष डॉ. ओमवती वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।