निकायों और पंचायतों में विकास को मिलेगी गति
रुद्रपुर : राज्य के निगम, निकाय व पंचायत में विकास कार्यो की मंजूरी का रास्ता साफ हो गया है। जिला यो
रुद्रपुर : राज्य के निगम, निकाय व पंचायत में विकास कार्यो की मंजूरी का रास्ता साफ हो गया है। जिला योजना समिति के गठन का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया। जिलों में जल्द योजना समिति की बैठक में नए प्रस्तावों को हरी झंडी मिलेगी और विकास की रफ्तार तेज होगी।
राज्य में हरिद्वार को छोड़ अन्य जिलों में जून में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हुए। जुलाई में ग्राम प्रधानों की पहली खुली बैठक हुई और अगले माह में ब्लॉक प्रमुख व अक्टूबर में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव हुआ और बाद में बैठक हुई। जिला योजना समिति के गठन के लिए सदस्यों का चुनाव हुआ। समिति का अध्यक्ष जिला प्रभारी मंत्री, सचिव सीडीओ व संयुक्त सचिव डीएसटीओ होता है। ऊधम सिंह नगर में जिला योजना समिति में जिला पंचायत क्षेत्र के 19, नगर निगम, निकाय व नगर पंचायत से 10 सदस्य चुने गए हैं। इसके अलावा शासन से सात सदस्य नामित होते हैं। सदस्य चुने गए और समिति गठन के लिए नोटिफिकेशन को शासन को पत्र भेजा गया था। समिति का गठन न होने से जनप्रतिनिधियों के विकास कार्यो के प्रस्तावों को स्वीकृति नहीं मिल पा रही थी। इससे नए प्रस्तावों के कार्य नहीं हो पा रहे थे और विकास की रफ्तार धीमी हो गई थी। इस वजह से जनप्रतिनिधि भी अपने क्षेत्र में विकास से जुड़े जवाब नहीं दे पा रहे थे। हालांकि जिला योजना में वर्ष 2013-14 में 55.65 करोड़ रुपये स्वीकृत थे। इसे आधार मान कर चालू वित्तीय वर्ष में विकास कार्य कराए जा रहे हैं। सूत्र के मुताबिक कुल बजट में 25 फीसद ही बजट जिलाधिकारी स्तर से किया जा सकता है, जबकि शेष बजट जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों के जरिये खर्च करने का प्रावधान है। शासन ने सभी जिलों की समिति के गठन का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। गठन के बाद ही जिला योजना समिति की बैठक होती है। इसमें ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, नगर निगम, निकाय, नगर पंचायत व जिला पंचायत के जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों पर गहन मंथन के बाद मंजूरी दी जाती है। नोटिफिकेशन होने से जिला योजना समिति की जल्द बैठक होगी और करोड़ों रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी जाएंगी। नोटिफिकेशन से जनप्रतिनिधियोंमें विकास के प्रति उम्मीद जगेंगी।
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ऐसे पास होते हैं प्रस्ताव
रुद्रपुर : पहले ग्राम पंचायत स्तर पर हुई खुली बैठक में प्रस्ताव बनाए जाते हैं। इन प्रस्तावों के साथ क्षेत्र पंचायत सदस्य भी अपने प्रस्तावों को जोड़ते हुए ब्लॉक को उपलब्ध कराते हैं। ब्लॉक स्तर से जिला पंचायत में भेजे जाते हैं। इन प्रस्तावों के साथ जिला पंचायत सदस्य भी अपने प्रस्तावों जोड़ते हुए जिला पंचायत की बैठक में रखते हैं। इसमें प्रस्तावों पर आम सहमति बनती है। इसके बाद जिला योजना समिति की बैठक में जिला पंचायत के प्रस्ताव, नगर निकाय, निगम, नगर पंचायतों के जनप्रतिनिधि प्रस्तावों को सीधे प्रस्तुत करते हैं। जहां पर गहन मंथन के बाद बजट व जरूरत के हिसाब से प्रस्तावों को हरी झंडी दी जाती है। यह अलग बात है कि चालू वित्तीय वर्ष के शेष चार माह बचे हैं,मगर समिति की बैठक में नए प्रस्तावों पर मंजूरी की उम्मीद जगी है और विकास कार्यो में तेजी आएगी।
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जिला योजना समिति के गठन का नोटिफिकेशन हो गया है। समिति की बैठक कभी भी हो सकती है। प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में समिति की बैठक में जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों को स्वीकृति दी जाएगी।
-- आरसी त्रिपाठी, डीपीआरओ, यूएस नगर