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खुरपिया फार्म में अब नहीं बनेगा स्टोन क्रशर जोन

रुद्रपुर : खुरपिया फार्म की लीज निरस्त भूमि पर जन विरोध को देखते हुए सरकार ने क्रशर जोन बनाने का फैस

By Edited By: Published: Sun, 26 Oct 2014 12:58 AM (IST)Updated: Sun, 26 Oct 2014 12:58 AM (IST)
खुरपिया फार्म में अब नहीं बनेगा स्टोन क्रशर जोन

रुद्रपुर : खुरपिया फार्म की लीज निरस्त भूमि पर जन विरोध को देखते हुए सरकार ने क्रशर जोन बनाने का फैसला वापस ले लिया है। स्टोन क्रशर की यहां स्थापना नहीं की जाएगी। फार्म की इस भूमि पर अब सिर्फ एग्रोबेस्ड इकाइयां ही लगेंगी और भूमिहीनों को बसाया जाएगा।

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खुरपिया फार्म की सीलिंग एक्ट के तहत प्रशासन द्वारा कब्जे में ली गई 628.34 हेक्टेयर भूमि पर सिडकुल बसाने का प्रदेश सरकार ने खाका तैयार किया था। फार्म की भूमि पर राजस्व विभाग ने खाका के अनुसार 500.04 एकड़ भूमि पर भूमिहीनों को बसाने की योजना बनाई फिर शेष भूमि में से 762.731 एकड़ भूमि पर एग्रोबेस्ड इकाइयां और 249.99 एकड़ भूमि पर स्टोन क्रशर जोन की स्थापना का फैसला लिया। जैसे ही यह फैसला उजागर हुआ कि भूमि पर स्टोन क्रशर इकाइयों की स्थापना से प्रदूषण और फसल बर्बाद होने की आशंका से क्षेत्रवासी उग्र हो गए और विरोध पर उतर आए। क्षेत्रवासियों का कहना था कि इन स्टोन क्रशरों की स्थापना से क्षेत्र में प्रदूषण तो होगा ही भूमि की उर्वरा शक्ति भी कम हो जाएगी। क्षेत्रीय विधायक राजेश शुक्ला के नेतृत्व में इन लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था। जनता के विरोध व संभावित प्रदूषण को ध्यान में रख अब शासन ने स्टोन क्रशर जोन स्थापित करने का प्रस्ताव वापस ले लिया है, साथ ही क्रशरों को अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस फार्म पर अब सिर्फ भूमिहीनों को बसाने व एग्रोबेस्ड फूड प्रोसेसिंग इकाइयों की स्थापना की जाएगी।

ये क्रशर होंगे शिफ्ट

रुद्रपुर : खान विभाग के उपनिदेशक कुमाऊं राज पाल लेघा के अनुसार हल्द्वानी के पाल स्टोन, कृष्णा स्टोन, नरूला स्टोन, सागर स्टोन, हिमालया स्टोन, हिमालया ग्रिड, सुभाष स्टोन, बालाजी स्टोन, देव भूमि, विनोद स्टोन, उत्तराखंड स्टोन, लालकुआ स्टोन, विंध्यवासिनी, जेपी स्टोन, जय श्रीराम व पीएनसी स्टोन क्रशर आबादी क्षेत्र में आ चुके हैं। इन स्टोन क्रशरों को शासन की खनन नीति के तहत हर हाल में दो वर्ष के भीतर अन्यत्र शिफ्ट होना होगा। अन्यथा इन्हें आगे क्रशर संचालन की अनुमति नही मिलेगी।

तलाशनी होगी अब नई भूमि

प्रदेश सरकार की खनन नीति 2011 में प्रावधान हैं कि जो क्रशर आबादी क्षेत्र में हैं, उन्हें नवंबर 2014 में हर हाल में आबादी से बाहर शिफ्ट होना था। हल्द्वानी, लालकुआं व हल्दूचौड के सभी स्टोन क्रशर आबादी क्षेत्र में ही आते हैं, मगर बीते तीन वर्ष में इन क्रशरों को एक जगह शिफ्ट करने के लिए सरकार भूमि ही तलाश नहीं कर पाई। जिस पर यह अवधि सरकार द्वारा कुछ माह पहले दो वर्ष के लिए बढ़ा दी गई है। खुरपिया में भूमि मिलने पर सरकार निश्चिंत थी कि अब इन क्रशरों को यहां आसानी से शिफ्ट कर दिया जाएगा, मगर अब खुरपिया में भी भूमि न मिल पाने के बाद सरकार को एक बार फिर से इन क्रशरों के लिए भूमि की तलाश करनी होगी।

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खुरपिया फार्म की भूमि पर पूर्व में भूमिहीनों को बसाने के साथ ही एग्रोबेस्ड इकाइयों व स्टोन क्रशर लगाने का खाका तैयार किया गया था। हाल ही में शासन से मिले निर्देशों के बाद इस भूमि पर स्टोन क्रशर लगाने का फैसला वापस ले लिया गया है।

-- डा.आर राजेश कुमार, एमडी सिडकुल, उत्तराखंड

सरकार ने जनता की मांग को ध्यान में रखा है। स्टोन क्रशर खुरपिया में न लगाने का फैसला स्वागत योग्य है, यह जनता की जीत है। इस भूमि को भूमिहीनों को आवंटित करने के साथ ही यहां स्थानीय उद्यमियों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

-- राजेश शुक्ला ,विधायक ,किच्छा


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