..साहब कम से कम हमारा नुकसान तो देख लो
खटीमा: जहां एक ओर आपदा प्रभावितों को तत्काल सहायता राशि मुहैया कराने का प्रशासन दावा कर रहा है। वहीं पावर हाउस के पास रहने वाले बुजुर्ग सीताराम तीन दिन से खेत में हुए नुकसान की जानकारी लेने वाले अफसरों की राह देख रहा है। इससे साफ जाहिर हो रहा कि आपदा प्रभावितों के लिए प्रशासन कितना गंभीर है।
शारदा नहर के ओवरफ्लो से पानी ग्रामीणों के घरों व खेतों में भर गया था। इस पानी के साथ-साथ भारी सिल्ट भी लोगों के घरों व खेतों में जमा हो गई है। जिससे धान की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। इस नुकसान के आंकलन के लिए प्रशासन ने कई टीमें प्रभावित क्षेत्रों में लगा रखी हैं। खास बात यह है कि तीन दिन बाद भी सर्वे टीम पावर हाउस के पास रहने वाले पीडि़तों के घर तक नहीं पहुंची है। नहर पार निवासी सीताराम चौहान ने बताया कि ओवरफ्लो से पानी पहले उत्तर दिशा में आया था। उसके बाद ही पानी का दबाब बढ़ने पर नहर ने सुरक्षा दीवार तोड़ी थी। सीताराम ने बताया कि सुरक्षा दीवार न टूटती तो आज वे इस दुनिया में नहीं होते। पानी ने उनके घर को चारों तरफ से घेर लिया था। सुरक्षा दीवार टूटने पर पानी का वेग कम हो गया था। पानी के साथ आयी सिल्ट ने उसकी लगभग तीन बीघा फसल को तहस-नहस कर दिया है। लेकिन तीन दिन बीतने के बाद भी वहां नुकसान का जायजा कोई नहीं आया। बुजुर्ग सीताराम के घर से जब कोई गुजरता तो वह उन्हें आकंलन करने वाले सझकर कहते हैं साहब कम से कम हमारा नुकसान तो देख ही लो। वह अभी भी प्रशासन की टीम के इंतजार में बैठे हैं।