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कुपोषण से निजात दिलाने को पशुधन विकास जरूरी : डा. सिंह

पंतनगर : बदलती भौगोलिक परिस्थितियों व संसाधनों की दिनों दिन होती जा रही कमी के चलते कृषि उत्पादन में

By Edited By: Published: Mon, 24 Nov 2014 12:43 AM (IST)Updated: Mon, 24 Nov 2014 12:43 AM (IST)
कुपोषण से निजात दिलाने को पशुधन विकास जरूरी : डा. सिंह

पंतनगर : बदलती भौगोलिक परिस्थितियों व संसाधनों की दिनों दिन होती जा रही कमी के चलते कृषि उत्पादन में आए ठहराव के बीच भूख की समस्या फिर सिर उठाने लगी है। इस चुनौती का सामना पशुधन उसके उत्पादों के विकास से ही किया जा सकता है।

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यह सुझाव विवि के पशु चिकित्सा महाविद्यालय में पूर्व छात्रों की एल्युमिनाई समिति द्वारा 'पशु चिकित्सा एवं खाद्य सुरक्षा' विषय पर दो दिनी राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कार्यवाहक कुलपति डा. जीके सिंह ने दिया। उन्होंने कहा कि दिनोदिन पशु चिकित्सा विज्ञान की महत्ता बढ़ रही है, क्योंकि अब यह विज्ञान खाद्य आपूर्ति से सीधा जुड़ गया है। उन्होंने पशु चिकित्सकों से कहा कि वे विदेश में सेवायें देने के बजाय अपने ही देश में पशुपालकों की आय बढ़ाने, पशुधन उत्पादों में वृद्धि करने तथा देश के पशु चिकित्सा संस्थानों को सशक्त बनाने में अपना योगदान दें।

मुख्य अतिथि मथुरा पशु चिकित्सा विवि के पूर्व कुलपति डॉ. एसएन मौर्या ने कहा कि विदेशी पशुओं की बाढ़ से धीरे-धीरे विलुप्त होने के कगार पर पहुंच रही देसी प्रजातियों का विकास जरूरी है। समिति के अध्यक्ष डॉ. वीएस राजौरा ने पशुओं तथा उनके मास से मनुष्यों में फैलने वाले रोगों के प्रति जागरूकता फैलाने तथा रोग नियंत्रण की नयी तकनीकें विकसित करने का सुझाव दिया। संचालन इप्शिता उपाध्याय व जयश्री शर्मा ने किया। संगोष्ठी में समिति के सचिव डॉ. एससी त्रिपाठी, संयुक्त सचिव डॉ. मृगेश चौधरी, डॉ. सीवी सिंह, डॉ. जेपी सिंह, डॉ. एचपी गुप्ता, डॉ. अजय उपाध्याय, डॉ. एसपी सिंह, डॉ. टीएल सिंह, डॉ. जेएल सिंह, डॉ. ईश्वर सिंह, डॉ. राजीव रंजन, डॉ. बीसी मंडल, डॉ. जीसी जोशी, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. स्तुति वत्स, डॉ. संजय भारती व डॉ. राजनारायण सहित 100 से अधिक वैज्ञानिक मौजूद रहे।

तीन गोल्डमेडलिस्ट पूर्व छात्रों को किया सम्मानित

संगोष्ठी में पशु चिकित्सा महाविद्यालय के तीन पूर्व छात्रों डॉ. वाईपीएस डबास, डॉ. एके गुप्ता, डॉ. आईएस पुंगल का अभिनंदन किया गया। ये तीनों मेधावी छात्र अध्ययन के दौरान सर्वाधिक अंक लाने के आधार पर गोल्ड मेडल से नवाजे गए। डॉ. आईएस पुंगल ने 1971 के बैच में, डॉ. एके गुप्ता ने 1972 के बैच तथा डॉ. वाईपीएस डबास ने 1973 बैच में गोल्ड मेडल हासिल किया था।


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