अस्पताल संचालक धस्माना व उसके नौकर ने की थी हत्या
रुद्रपुर : नानकमत्ता दोहरे हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा करने का दावा किया है। अस्पताल संचालक और उसके नौकर ने नृशंस हत्याकांड को अंजाम दिया था। इसका प्रमुख कारण बरेली के डाक्टर से बदला लेना बताया गया है। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त धारदार हथियारों को भी बरामद कर लिया है।
कैंप कार्यालय में मंगलवार की शाम घटना का खुलासा करते हुए एसएसपी रिधिम अग्रवाल ने बताया कि विजय गंगवार तथा निशा शर्मा की हत्या बनबसा के अस्पताल संचालक आशीष धस्माना व उसके नौकर इदरीश अहमद ने की थी। इसी अस्पताल में दोनों कर्मचारी थे। एसएसपी के अनुसार बरेली के डा. एचपी सिंह ने धस्माना अस्पताल को बरेली से डाक्टर मुहैया कराने के एवज में करीब 12.65 लाख रुपये लिए थे। कई हफ्ते बीतने के बाद भी उन्होंने अस्पताल को डाक्टर भी मुहैया नहीं कराए और खुद ही यहां आकर प्रैक्टिस करने लगे। आशीष का दबाव बढ़ने पर डा. सिंह ने बरेली से नर्स निशा शर्मा और वार्ड ब्वॉय विजय गंगवार अस्पताल को मुहैया करा दिया। एसएसपी ने बताया कि आशीष के मुताबिक निशा और विजय अस्पताल में आने वाले मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते थे। इससे वह परेशान रहने लगा था साथ ही अस्पताल की साख गिरती जा रही थी। इधर, डा. सिंह न डाक्टरों का प्रबंध कर पा रहे थे और न ही आशीष को रुपये लौटा रहे थे। इससे अस्पताल बंद होने के कगार पर पहुंच गया था। छह सितंबर की शाम को निशा और विजय भी अस्पताल की नौकरी से इस्तीफा देकर वापस बरेली के लिए निकले। इस पर आशीष ने निशा व विजय को रोक लिया और अपने कर्मचारी इदरीश के साथ उन्हें अस्पताल के पीछे बने पोल्ट्री फार्म पर ले गया। वहां पहुंचने पर उसने दोनों से डा. सिंह की मंशा जानने का प्रयास किया। निशा ने घबराकर बताया कि डा. सिंह उसके रुपये हड़पना चाहता है। उसकी इस मंशा में वह खुद और विजय भी शामिल है। यह सुनकर आशीष बौखला गया और इदरीश की सहायता से निशा के साथ मारपीट शुरू कर दी। इसी दौरान उसकी मौत हो गई। इस पर दोनों घबरा गए। इसके बाद विजय कहीं यह राज न खोल दे, दोनों ने उसे भी ठिकाने लगा दिया। इसके बाद सुबूत छिपाने के मकसद से दोनों ने लाशों के टुकड़े-टुकड़े कर बोरों में भर कर अर्टिगा कार से सितारगंज रोड स्थित खकरा पुल के पास फेंक दिए। साथ ही नानक सागर डैम के पास दोनों के सिर डाल दिए। इधर, पुलिस हत्याकांड का खुलासा करते हुए दोनों की निशान देही पर चकरपुर रोड व जगबूढ़ा पुल के निकट मंदिर के पास वाली पुलिया से हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार भी बरामद कर लिए। मामले का खुलासा करने वाली टीम में एएसपी टीडी वैला, सीओ जेआर जोशी, एसओ अरुण कुमार, एसआइ प्रदीप चौहान, मानव वध सेल प्रभारी अरविंद डंगवाल, एसओजी प्रभारी हरेंद्र चौधरी आदि शामिल थे।