आबादी नगर पंचायत से ज्यादा, सुविधाएं जीरो
रुद्रपुर : नगर निगम के वार्ड संख्या दो को भले ही आबादी के हिसाब से प्रदेश का सबसे बड़ा वार्ड होने का
रुद्रपुर : नगर निगम के वार्ड संख्या दो को भले ही आबादी के हिसाब से प्रदेश का सबसे बड़ा वार्ड होने का दर्जा मिला हो, लेकिन जन सुविधाओं के नाम पर यह वार्ड जीरो है। यहां के हाल देख स्वच्छ मोदी के स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत का अभियान बेमानी प्रतीत होता है।
नगर निगम का वार्ड नं दो यानी ट्रांजिट कैंप की आबादी 40 हजार व मतदाताओं की संख्या 15 हजार से अधिक है। यह वार्ड नगर निगम रुद्रपुर ही नहीं, पूरे प्रदेश में सबसे बड़ा वार्ड है। यह आबादी एवं क्षेत्र के हिसाब से स्वयं में प्रदेश की एक नगर पंचायत के बराबर है। इस वार्ड में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं, नालियां गंदगी से पटी हैं। इस गंदगी के गलियों में बिखरे होने व इससे उठती गंदगी से लोगों का जीना दूभर है। यहां के वाशिंदों के अनुसार नगर निगम साफ सफाई के लिए दो तीन माह में एक बार ही सुध लेता है। सफाई कर्मी भी इस गंदगी को बटोर कर नालियों के किनारे या गलियों में ही जमा कर देते है। इससे हालात कुछ दिन में ही और ही बदतर हो जाते हैं। वार्ड की नालियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। सडकें कच्ची गलियों से भी ज्यादा बदहाल है। हल्की बारिश में ही नालियों की गंदगी सड़कों पर उफन कर आ जाती है। जिससे सड़कों पर जलभराव होने से लोगों का इन सड़कों पर चलना दूभर हो जाता है । वहीं यह गंदगी तमाम संक्रामक बीमारियों को फैलाने में मददगार भी हो सकती है।
कभी कभार ही दिखते हैं सफाई कर्मी
रुद्रपुर : वार्ड के हेमकरण, रामचंद्र राठौर, धर्मवीर, अशोक, एमपी गुप्ता ने बताया कि निगम कर्मी यहां दो तीन माह में एक बार सफाई के लिए आते है। वह भी गंदगी को क्षेत्र से दूर ले जाने के बजाए बस्ती में ही एकत्र कर देते है। जिससे कुछ दिन बाद हालत पहले से भी बदतर हो जाते हैं। उनका कहना था कि निगम की सफाई व्यवस्था सिर्फ बाजार क्षेत्र के चुनिंदा वार्डों में ही नजर आती है, इस वार्ड के विकास कार्य हो या सफाई व्यवस्था किसी मलिन बस्ती से भी गई गुजरी है।
मेयर नही दे रही ध्यान : पार्षद
वार्ड पार्षद सविता अधिकारी का कहना है ट्रंाजिट कैंप के साथ आज तक सौतेला व्यवहार ही हुआ है। वर्तमान में उनकी ही पार्टी की मेयर है पर वह भी तवज्जो नहीं दी जा रही है। नगर के कुछ वार्डों में पक्की सड़क को उधाड़ कर टायल्स रोड़ बन रही है। जबकि इस वार्ड में कच्ची गलियों की भी सुध नहीं ली जा रही है। पूरे वार्ड की सफाई के लिए अभी तक सिर्फ चार कर्मी ही थे, एक सप्ताह पूर्व ही इनकी संख्या बढ़ा कर आठ की गई है। उनका कहना था कि वह मोदी कि स्वच्छ भारत व स्वस्थ भारत अभियान के तहत दो अक्टूबर को गलियों में झाडू़ तो लगाएंगे पर वार्ड को पूरी तरह स्वच्छ कब हो पाएगा, कहा नहीं जा सकता।