उत्तराखंड से लगी सीमा का आतंकी कर रहे है इस्तेमाल
आतंकी उत्तराखंड के रास्ते न केवल आवाजाही कर रहे हैं बल्कि सुरक्षित ठिकाने भी बना लिए हैं। यही कारण है कि सुरक्षा एजेंसियों अधिक सतर्क हो गईं है।
खटीमा, ऊधमसिंह नगर, [राजू मिताड़ी]: कुख्यात आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा की गिरफ्तारी के चार साल बाद फिर इंडियन मुजाहिद्दीन आइएम के मोस्ट वांटेड आतंकी आरिज खान उर्फ जुनैद भी उत्तराखंड से लगी नेपाल सीमा से पकड़ा गया। इससे इस बात के संकेत मिलने लगे हैं कि आतंकी उत्तराखंड के रास्ते न केवल आवाजाही कर रहे हैं बल्कि सुरक्षित ठिकाने भी बना लिए हैं। यही कारण है कि सुरक्षा एजेंसियों अधिक सतर्क हो गईं है। खुफिया सूत्रों के अनुसार अब सीमा पर सूचना तंत्र को नए सिरे से सक्रिय करने और सुरक्षा बढ़ाने की योजना पर मंथन हो रहा है।
उत्तराखंड से नेपाल की 1751 किलोमीटर खुली सीमा है। इसमें ऊधमसिंह नगर जिले की 14 व चम्पावत जनपद की 90 किलोमीटर सीमा सर्वाधिक संवेदनशील मानी जाती है। वर्ष 2013 में देश के टॉप आंतकियों में शुमार अब्दुल करीम टुंडा की गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियों ने सक्रियता जरूर बढ़ाई लेकिन फिर एक और आतंकी की गिरफ्तारी ने कई एजेंसियों को शर्मसार भी किया है।
दरअसल स्थानीय पुलिस समेत कई एजेंसियों को आतंकी को सीमा से गिरफ्तार किए जाने की भनक तब लगी जब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली में गिरफ्तारी की घटना को सार्वजनिक किया। ऊधमसिंह नगर व चम्पावत जिले की पुलिस व खुफिया महकमों को जुनैद की गिरफ्तारी के सीके्रट मिशन की भनक तक न लग पाई। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि खटीमा क्षेत्र की 14 किलोमीटर लंबी सीमा नेपाल से लगी हुई है।
यह सीमा पिलर संख्या 14 से 17 के बीच पड़ती है। इस बेल्ट में अधिकांश क्षेत्रफल वनों से आच्छादित है। इसी का फायदा आतंकी उठा रहे हैं। इसके अलावा खुली सीमा पर भी जो सुरक्षा एजेंसियां तैनात हैं। वहां भी कोई विशेष रोक-टोक अथवा चेकिंग नहीं होती।
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