Move to Jagran APP

एक कक्ष में चल रहीं पांच क्लासें

ेसंवाद सहयोगी, काशीपुर : सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था बदहाल है, अगर ऐसा कहा जाए तो कोई अतिश्योक

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Jul 2017 04:12 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jul 2017 04:12 PM (IST)
एक कक्ष में चल रहीं पांच क्लासें
एक कक्ष में चल रहीं पांच क्लासें

ेसंवाद सहयोगी, काशीपुर : सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था बदहाल है, अगर ऐसा कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। दैनिक जागरण की टीम ने जब काशीपुर के कुछ सरकारी स्कूलों की पड़ताल की तो सरकारी शिक्षा व्यवस्था की हकीकत सामने आई। सरकार लंबे समय से सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए तमाम तरीके के दावे कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और नजर आ रही है।

loksabha election banner

शहर के राजकीय प्राथमिक स्कूल, अल्ली खां की शिक्षा व्यवस्था से पता चला कि सरकार के दावे अभी कितने गहरे पानी में हैं। यह शहर का एक ऐसा स्कूल है जहां एक कमरे में पांच कक्षाएं एक साथ चलती हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां का पढ़ाई का स्तर कैसा होगा। इस स्कूल में बच्चों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। वर्तमान में इस स्कूल में 161 बच्चे अध्ययनरत हैं और चार शिक्षक इस विद्यालय में तैनात हैं। विद्यालय में तीन कमरे हैं, जिनमें से दो कमरे पूरी तरह से खोखले हो चुके हैं। इसलिए अब 161 बच्चे एक ही कक्ष में पढ़ने के लिए मजबूर हैं। एक छोटे से कमरे में पांच कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाना शिक्षकों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है, और बच्चों के लिए भी इस भीषण गर्मी और उमस में एक कक्ष में शिक्षा ग्रहण करना मजबूर बनी हुई है। इस स्कूल में कक्षा एक से पांच तक की कक्षाएं चलती हैं और शिक्षक मात्र चार तैनात हैं।

एक शिक्षक को संभालने हैं 40 बच्चे

इस स्कूल की व्यवस्था इतनी बदत्तर हो चुकी है कि ऐसे माहौल में पढ़ाई करना और पढ़ाना दोनों मुश्किल है। फिर भी शिक्षक जैसे तैसे पढ़ा रहे हैं और मजबूर बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इस विद्यालय की दशा इतनी खराब होने के बावजूद भी शिक्षा विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। यहां पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे गरीब तबके के हैं, जिनके अभिभावक प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को शिक्षा दिलाने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे स्कूल में बच्चों का भविष्य उज्ज्वल कैसे होगा, इस विषय में विभाग और सरकार दोनों को सोचना पड़ेगा।

90 में से 74 बच्चे अनुपस्थित

जिस विद्यालय में 90 बच्चे पंजीकृत हों और मात्र 16 बच्चे उपस्थित हों तो इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्चे इस स्कूल में कितनी मजबूरी में शिक्षा लेने आ रहे हैं। यह हाल है शहर के ग्राम ढकिया गुलाबो में स्थित राजकीय प्राथमिक स्कूल का। इस स्कूल में पांच कमरों का भवन है, जिनमें से तीन कमरे जर्जर हालत में हैं जो कभी भी भरभराकर गिर सकते हैं। ऐसे में बच्चों को अब बरामदे में बैठकर पढ़ाई करनी पढ़ रही है। वर्तमान में इस स्कूल में 90 बच्चे पंजीकृत हैं, लेकिन इस स्कूल की बदहाली से तंग आए बच्चे भी शायद इस स्कूल में नहीं पढ़ना चाहते हैं। गुरुवार को जब जागरण की टीम पड़ताल करने पहुंची तो वहां पर सिर्फ 16 बच्चे ही स्कूल में उपस्थित मिले। चार शिक्षक वर्तमान में इस स्कूल में तैनात हैं जिसमें से दो शिक्षक अवकाश पर चल रहे हैं।

प्राथमिक स्कूल कटरोताल भी बदहाल

मोहल्ला कटरोताल स्थित राजकीय प्राथमिक स्कूल में चार कक्षों में तीन जर्जर हैं। यहां भी दो कक्ष और एक बरामदे में पढ़ाई होती है। इस स्कूल में कई बार चोरी हो चुकी है। स्कूल बंद होने के बाद नशेड़ियों का जमावाड़ा लग जाता है। शौचालय खराब होने से बच्चे पास में ही उच्च प्राथमिक स्कूल के शौचालय का प्रयोग करते हैं। वर्तमान में यहां पर 56 बच्चे पंजीकृत और चार शिक्षक तैनात हैं। स्कूल में भवन जर्जर होने के कारण बच्चों की पढ़ाई सही ढंग से नहीं हो पा रही है। इसके अलावा ग्राम धीमरखेड़ा, शिवलालपुर अमरझंडा, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय कन्या नवीन, रम्पुरा स्थित राजकीय प्राथमिक स्कूल सहित स्कूलों के जर्जर भवनों में बच्चे जिंदगी दांव पर लगाकर पढ़ाई कर रहे हैं। शिक्षक भी पढ़ाते समय भयभीत रहते हैं कि यदि भवन ढहा तो बड़ा हादसा हो सकता है। बच्चों और शिक्षकों की जिंदगी का ख्याल विभाग नहीं कर रहा है।

---------------------------

जिन स्कूलों के भवन जर्जर हैं, उनके ध्वस्तीकरण के लिए प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है। जांच के बाद कार्रवाई कर नए भवन बनाए जाएंगे।

आरएस नेगी, खंड शिक्षा अधिकारी, काशीपुर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.