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शुभम हत्याकांड: फिर से हो सकता है पॉलीग्राफ टेस्ट

संवाद सहयोगी, खटीमा : शुभम हत्याकांड के रहस्य जानने के लिए जितना क्षेत्र के लोग बेताब हैं, उससे कहीं

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jun 2017 08:53 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jun 2017 08:53 PM (IST)
शुभम हत्याकांड: फिर से हो सकता है पॉलीग्राफ टेस्ट
शुभम हत्याकांड: फिर से हो सकता है पॉलीग्राफ टेस्ट

संवाद सहयोगी, खटीमा : शुभम हत्याकांड के रहस्य जानने के लिए जितना क्षेत्र के लोग बेताब हैं, उससे कहीं ज्यादा पुलिस इस राज से पर्दा उठाने को तेजी से तफ्तीश कर रही है। घटना की जांच पड़ताल कर रहे कोतवाल उन ¨बदुओं को खंगाल रहे हैं, जिसमें हत्याकांड से जुड़े अहम सुराग पिछली जांच में आगे नहीं बढ़ सके थे। यह भी संकेत मिल रहे हैं कि एक बार फिर से पॉलीग्राफ टेस्ट किया जा सकता है। जिससे हत्याकांड की हकीकत का पता चल सके।

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ढाई साल तक फाइलों में बंद रही चर्चित हत्याकांड में दोबारा जांच होने से खुलासे की काफी उम्मीद बनी हुई हैं। क्योंकि न्यायालय ने भी माना कि कहीं न कहीं कुछ ¨बदुओं पर जांच अधूरी रह गई थी। सितारगंज रोड ब्लाक मार्केट के सामने रहने वाले व्यवसायी विनोद अग्रवाल के पोते मासूम शुभम को उसी के घर के एक गोदाम में 21 जनवरी 2015 को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना से समूचा जनमानस के मुंह से यही बात निकली थी कि मासूम को मारने वाले कातिल को भगवान माफ नहीं करेगा। पुलिस ने घर के नौकरों, रिश्तेदार से लेकर परिवारजनों से पूछताछ की। यहां तक की 37 लोगों के खून के सैंपल लेने के साथ ही पांच लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया। लेकिन पुलिस के लाख प्रयास के बाद भी कातिल बेनकाब नहीं सका। मामले की जांच कर रही मानव वध सेल ने भी अपनी फाइनल रिपोर्ट लगाकर 18 जुलाई 2016 को हत्याकांड की जांच बंद कर दी। इसी के साथ ही मासूम की चीख भी उन फाइलों में दफन होकर रह गई थी। न्यायालय ने संज्ञान लेते ही पुलिस को दोबारा जांच करने को आदेश जारी कर दिए। लोगों के जेहन में है कि फिर जांच होने से यह बात जरुर सामने आएगी कि आखिर मासूम का क्या कसूर था जिसे इतनी बेदर्द मौत की नींद सुला दी गई।

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मामले की जांच के लिए पूरा अध्ययन किया जा रहा है जरुरत पड़ने पर पॉलीग्राफ टेस्ट किया जा सकता है, बहरहाल अभी मामला समझा जा रहा है।

-चंचल शर्मा, कोतवाल, खटीमा


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