शाही अंदाज, हत्या का प्लान
संवाद सहयोगी, बाजपुर : शाही अंदाज में जिंदगी जीने की चाहत ने ही सुरेश ने पत्नी की हत्या का प्लान बना
संवाद सहयोगी, बाजपुर : शाही अंदाज में जिंदगी जीने की चाहत ने ही सुरेश ने पत्नी की हत्या का प्लान बनाया। भारी भरकम बीमा राशि हड़पने के लिए उसने पहले पत्नी का 1.10 करोड़ का बीमा कराया। मगर अपने मंसूबे पर कामयाब नहीं हो सका।
पुलिस ने हत्या के सुबूत जुटाने के लिए शुक्रवार को सुरेश के घर की तलाशी ली तो उसके शाही अंदाज को देख पुलिस हैरान रह गई। घर से ब्रांडेड कंपनियों के काफी महंगे कपड़े और जूते मिले। तलाशी में घर से 1.10 करोड़ की बीमा पॉलिसी पाई गई, जोकि ट्रंप पॉलिसी है। इसकी वार्षिक किस्त लगभग 22 हजार रुपये है। इसके अलावा वह 12 हजार रुपये हर महीने बैंक लोन की किस्त भी जमा करता है। 14 हजार रुपये मासिक वेतन और जीने का शाही अंदाज सीधे हत्या की प्लानिंग की ओर इशारा करता है। एक वर्ष पूर्व उसने करोड़ों में खेलने की योजना तो बना ली, लेकिन जीवन संगिनी के साथ किया गया अपराध उसे न तो बीमा दिला पाया और ना ही कर्ज से मुक्ति।
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पिछले साल ही बना ली थी हत्या की योजना
बाजपुर: कोतवाल वीडी उनियाल ने बताया कि सुरेश ने वर्ष 2016 में ही गीता की हत्या की योजना बना दी थी। बीमा कराने के लिए तीन वर्ष का रिटर्न भरवाने की वजह से वह पिछले साल अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सका। दस लाख के अधिक के ट्रंप प्लान पर रिटर्न भरना आवश्यक होता है। बीमा भी पत्नी का कराया जिसका वह स्वयं उत्तराधिकारी था। इससे स्पष्ट हो गया कि हत्या करने के उद्देश्य से ही पत्नी का बीमा किया गया।
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पत्नी भी गई, बीमा राशि भी नहीं मिलेगी
बाजपुर : जीवन बीमा के विशेषज्ञ संजय गोयल ने बताया कि वैसे तो पहली किस्त से ही रिस्क क्लेम शुरू हो जाता है, यदि यह मृत्यु दुर्घटना में अथवा अन्य द्वारा की गई होती तो उत्तराधिकारी को क्लेम लेने का अधिकार होता है। इस मामले में उत्तराधिकारी ही अपराधी है, ऐसे में बीमा राशि मिलना संभव नहीं है।