खनन क्षेत्र शांतिपुरी 'शांत'
जागरण संवाददाता, किच्छा : खनन क्षेत्र में हर समय फावड़ों, बेलचों और डंपरों की आवाज बुधवार को बंद हो ग
जागरण संवाददाता, किच्छा : खनन क्षेत्र में हर समय फावड़ों, बेलचों और डंपरों की आवाज बुधवार को बंद हो गई। न्यायालय के आदेश के अनुपालन में डीएम ने बुधवार सुबह ही खनन क्षेत्र में खनन बंदी का नोटिस चस्पा करवा दिया। साथ ही अग्रिम आदेश तक इसे बंद करने के लिए पुलिस को निगरानी में लगा दिया। इस दौरान क्षेत्र में किसी भी वाहन के दिखने पर तुरंत सीज करने के आदेश दिए हैं।
आदेश चस्पा होने के बाद हर समय खनन की खन-खन से गूंजने वाले शांतिपुरी क्षेत्र में शांति रही। एसडीएम एनसी दुर्गापाल ने बताया कि खनन क्षेत्रों के निकासी गेटों पर इस आशय का नोटिस चस्पा करने के साथ ही सभी पट्टा धारकों को भी नोटिस जारी कर सूचना दे दी गई है। बताया कि खनन क्षेत्रों की अब पुलिस व पीएसी निगरानी करेगी। इसके बाद शांतिपुरी की गौला नदी व खनन पट्टों में निकासी बंद होने से खनन कार्य में लगे तकरीबन ढाई हजार श्रमिक बेरोजगार हो गए। एसडीओ गौला डीएस मर्तोलिया के अनुसार शांतिपुरी में वर्तमान में पांच सौ से अधिक वाहन पंजीकृत हैं। वहीं डेढ़ हजार से अधिक श्रमिक इस गेट पर खनन कार्य कर रहे हैं। वहीं, यहां आधा दर्जन से अधिक खनन पट्टे हैं। जहां हजारों श्रमिक व बुग्गी चालक अपनी आजीविका चलाते हैं। खनन बंद होने से यह सभी बेरोजगार हो गए। इनमें से तमाम बुधवार को अपना डेरा समेट अपने घरों को कूच करते नजर आए।
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सिर मुड़ाते ही पड़े ओले
किच्छा : शांतिपुरी में प्रशासन ने दस खनन पट्टों को खनन की अनुमति दी है। अक्टूबर से खनन सत्र शुरू होने के बाद भी वर्तमान में क्षेत्र में दो से तीन पट्टों में ही काम हो रहा था, बाकी गौला नदी का लक्ष्य पूरा होने पर अपने पट्टों में तेजी से काम करने की तैयारी में थे, कई ने तो हाल ही में खनन कार्य शुरू करने को लाखों की रायल्टी भी जमा की थी। अब खनन बंद के आदेश से उनके होश फाख्ता हैं। आखिर वह अब करे तो करें क्या?