एसडीएम दफ्तर से मुआवजा घोटाले की पांच फाइलें गायब
जागरण संवाददाता, काशीपुर : जसपुर में एनएच से जुड़ी 14 फाइलें गायब होने के कुछ दिन बाद ही काशीपुर एसडी
जागरण संवाददाता, काशीपुर : जसपुर में एनएच से जुड़ी 14 फाइलें गायब होने के कुछ दिन बाद ही काशीपुर एसडीएम कार्यालय से भी ऐसा मामला प्रकाश में आया है। यहां एनएच मुआवजे से जुड़ी पांच फाइलें गायब हैं। सूचना पर जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। सोमवार सुबह से ही फाइलों की खोजबीन शुरू हुई। अंत में एसडीएम ने आइटीआइ थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की।
आवागमन सुव्यवस्थित हो, इसके लिए केंद्र सरकार ने जसपुर से सितारगंज तक नेशनल हाईवे निर्माण का फैसला लिया था। इसके लिए नोटिफिकेशन हुआ। अभी तो हाईवे बना भी नहीं, मगर इससे पहले कुछ लोगों ने अफसरों व काश्तकारों से मिलकर कृषि भूमि को अकृषि भूमि दर्शाकर दस गुना मुआवजा ले लिया और सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लगा दी। जब मामले की जांच शुरू हुई तो घोटाले की सच्चाई सामने आने लगी। एसडीएम दयानंद सरस्वती व तहसीलदार संजय कुमार ने सोमवार को एनएच से जुड़ी फाइलों को खंगालना शुरू किया तो पांच फाइलें नहीं मिलीं। जिसके बाद एसडीएम सरस्वती ने आइटीआइ थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की।
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एनएच के दायरे में आई भूमि को अकृषि भूमि दर्शाने से जुड़ी पांच फाइलें गायब मिली थीं। इसकी तहरीर आइटीआइ थाने में दी गई है।
-डीएन सरस्वती, एसडीएम काशीपुर
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यहां अकृषि भूमि से जुड़े हैं 15 मामले
काशीपुर में एनएच के दायरे में कृषि भूमि को अकृषि में दर्शाने से संबंधित 15 मामले हैं। इनमें करीब पांच किसानों को मुआवजा मिल चुका है। तीन संदिग्ध मामले मिलने की चर्चा है। इसकी सूचना उच्च अफसरों को दी जा चुकी है।
===दैनिक जागरण ने पहले ही उठाया था मामला===
काशीपुर में भी एनएच के दायरे में आई कृषि भूमि को अकृषि दर्शाकर मुआवजा लेने के मामले को दैनिक जागरण ने 22 नवंबर 2016 को 'मुआवजे के लिए कृषि को अकृषि का खेल' नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इससे घोटाले से जुड़े अफसरों व अन्य लोगों में खलबली मच गई थी। वर्तमान में यह मामला काफी चर्चा में है।
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नोट: 22 नवंबर 2016 के अंक में खबर छपी है। कृपया इस खबर को भी साथ में लगा दें।