गांवों में बनेगा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लान
गौरव पांडेय, रुद्रपुर : स्वच्छ भारत मिशन से उत्तराखंड की ग्राम पंचायतों की तस्वीर सुधरने वाली है।
गौरव पांडेय, रुद्रपुर : स्वच्छ भारत मिशन से उत्तराखंड की ग्राम पंचायतों की तस्वीर सुधरने वाली है। पंचायतों में नई नालियां और नाले बनेंगे। प्रदूषित उत्सर्जी जल के शोधन की व्यवस्था होगी। नियमित साफ-सफाई के साथ ही हर ग्राम पंचायत को एक कूड़ा गाड़ी और दो सफाई कर्मी मिलेंगे। हर पशुपालक को निश्शुल्क गोबर गैस संयंत्र मिलेगा। सार्वजनिक सफाई व्यवस्था के अभाव और कूड़ा निस्तारण की चुनौती के बीच इस समानांतर व्यवस्था से गांवों की सुंदरता ही नहीं सेहत में भी निखार आएगा। तालाब, पोखर आदि जल स्त्रोतों के विकास के साथ ही संरक्षण भी होगा। दरअसल केंद्र सरकार ने मिशन के तहत ग्राम पंचायतों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन योजना लागू कर दी है। पहले चरण में राज्य के सभी जिलों से 249 ग्राम पंचायतों का चयन किया है। इसके साथ ही निर्माण और अनुदान की मद में बजट भी जारी कर दिया है। अगले माह से योजना पर काम शुरू होने की उम्मीद है। पहले चरण की कार्ययोजना के पूरा होने के बाद सिलसिलेवार तरीके से अन्य ग्राम पंचायतों में भी कार्ययोजनाएं संचालित कराई जाएंगी। हर वित्तीय वर्ष में चयनित पंचायतों में प्राथमिकता के आधार पर ठोस एवं तरल अपशिष्ट कार्ययोजना तैयारी की जाएगी। खास बात है कि इस योजना में स्वजल परियोजना के साथ ही पंचायती राज, कृषि, उरेडा आदि सरकारी विभागों-एजेंसियों और मनरेगा को जोड़ते हुए भागीदारी का दायरा बढ़ा दिया है। सभी विभाग और एजेंसियां मिलकर बतौर प्राथमिकता चयनित पंचायतों की कार्ययोजना तैयार करेंगी। कार्ययोजना तैयार करने से पहले संबंधित विभागों और एजेंसियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन दिनों स्वजल परियोजना अधिकारी कार्ययोजना के डीपीआर का मॉडल बना रहे हैं। इस मॉडल के अनुसार और तात्कालित परिस्थितियों को देखते हुए ग्राम पंचायतों की कार्ययोजनाएं तैयार होंगी। जिलास्तर पर मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति कार्ययोजनाओं की मॉनीट¨रग करेगी।
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ये होंगे लाभ
- नए नाले-नालियों का निर्माण
- नए तालाबों का निर्माण और संरक्षण
- मछली व बतख पालन में रोजगार
- सभी जल एवं उत्सर्जी स्थलों का विकास और शोधन
- नियमित सफाई के साथ ही दो कर्मियों की तैनाती
- वर्मी कंपोस्ट और खाद आदि में अनुदान
- गोबर गैस संयंत्र के लिए 100 फीसदी अनुदान
- मनरेगा के माध्यम से होगा रोजगार सृजन
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एक गांव को मिलेंगे 40-50 लाख
रुद्रपुर : इस योजना के तहत सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों की भूमिका तय कर दी गई है। स्वजल का पूरा फोकस और बजट कार्ययोजनाओं पर केंद्रित रहेगा। इसके अलावा पंचायती राज विभाग के बजट के 30 फीसद धन स्वच्छता मिशन की कार्ययोजनाओं में खर्च किया जाएगा। इसी तरह कृषि विभाग वर्मी कंपोस्ट आदि की व्यवस्था करेगा। उरेडा बायो गैस संयंत्र के साथ ही अनुदान भी देगा। मनरेगा से हर पंचायत को 7-15 लाख बतौर रोजगार मिलेगा। इस तरह हर गांव को योजना के तहत 40 से 50 लाख रुपये मिलेंगे।
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योजना के तहत पहले चरण में राज्य के 249 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए कार्ययोजनाएं तैयार करवाई जा रही हैं। केंद्र से योजना के लिए बजट भी मिल गया है। अप्रैल माह से काम शुरू हो जाएगा। इससे गांव पहले से अधिक सुंदर और व्यवस्थित होंगे।
-डा. राघव लगर, निदेशक, स्वजल परियोजना