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किसान का बेटा रहा टॉपर

जागरण संवाददाता, काशीपुर : लक्ष्य व हिम्मत हो तो मंजिल मिलने में मुश्किल नहीं होती। इसकी मिसाल पेश क

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 01:00 AM (IST)
किसान का बेटा रहा टॉपर
किसान का बेटा रहा टॉपर

जागरण संवाददाता, काशीपुर : लक्ष्य व हिम्मत हो तो मंजिल मिलने में मुश्किल नहीं होती। इसकी मिसाल पेश की आंध्र प्रदेश के जिला भटनोल के छात्र अददगला श्रीनाथ रेड्डी ने, उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान में टॉप किया है। दीक्षात समारोह में जब एचआरडी मंत्री जावड़ेकर ने रेड्डी को गोल्ड से नवाजा तो अभिभावक दीर्घा में बैठे रेड्डी के पिता रामगोपाल की आंखें झलक आई। रामगोपाल पेशे से किसान हैं और कक्षा पांच तक ही पढ़े हैं। रामगोपाल ने कहा कि जो काम उन्होंने खुद नहीं किया, वह उनके इकलौते बेटे ने कर दिखाया। छात्र रेड्डी ने सफलता का श्रेय परिजनों व शिक्षकों को दिया और कहा कि शिक्षा को आनंद के रूप में लेकर पढ़ें। ज्ञान के लिए पढ़ेंगे तो ग्रेड स्वत: ही बन जाएगा। सफलता के लिए कठिन परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है। इसलिए युवा मेहनत से सफलता पाने का संदेश दिया। वह नौकरी नहीं करेंगे, बल्कि रियल स्टेट खुद खड़ा करेंगे और गरीबों को सस्ता मकान मुहैया कराएंगे। जावड़ेकर ने वर्ष 2015-17 बैच के पीजीपीएम के छात्र आदित्य पचवारिया को सिल्वर मेडल और अनुभव मुखर्जी को ऑल राउंड परफॉर्मेस मेडल से नवाजा। ईपीजीपीएम के वर्ष 2014-16 बैच के छात्र हर्षराज को गोल्ड व समीर कुमार मिश्रा को सिल्वर मेडल से नवाजा गया।

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2-पिता का व्यवसाय संभालूंगा

पिता का 24 लाख रुपये का शेयर मार्केट में नुकसान हुआ था। व्यवसाय संभालने के लिए यहां शिक्षा प्राप्त की। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण फिलहाल एक कंपनी में नौकरी करूंगा। कमाई का कुछ हिस्सा गरीबों की मदद में खर्च कर भविष्य में व्यवसाय करने का लक्ष्य है। सिल्वर मेडल प्राप्त गगन विहार, दिल्ली निवासी आदित्य पचौरी के पिता रामकुमार वर्मा व्यवसायी हैं।

-आदित्य पचवारिया, छात्र, आइआइएम, काशीपुर

3-गुड्डे को बनाएंगे ग्लोबल प्रोडक्ट- रेड्डी

नादिया जिले में मिट्टी के गुड्डे बनते हैं, मगर स्थानीय स्तर पर ही उत्पाद बिकता है। ऑनलाइन के जरिये उत्पाद को ग्लोबल बनाऊंगा। इससे गुड्डे बनाने वालों को स्वरोजगार के साथ उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी। देश में कुछ ऐसे उत्पाद हैं, जिनकी पहचान लोकल स्तर पर ही है। ऐसे उत्पादों को ऑनलाइन के जरिये बाजार उपलब्ध कराने के प्रयास करेंगे। ऑल राउंड परफॉर्मेस अवार्ड प्राप्त जिला नादिया, पश्चिम बंगाल निवासी अनुभव मुखर्जी के पिता प्रदीप कुमार व्यापार करते हैं।

अनुभव मुखर्जी, छात्र, आइआइएम, काशीपुर

4-महिलाओं को बढ़ाएंगी आगे

फरीदाबाद निवासी गिन्नी तेवतिया को नाइजीरिया की एक कंपनी में 55 लाख रुपये का पैकेज मिला है। वह बोलीं, महिलाओं के उत्थान के साथ गरीबों की सेवा करूंगी। यहां पर पढ़ाई के दौरान चैती चौक के पास एक स्कूल में शनिवार व रविवार को पढ़ाती थी। कालेज में गोल गप्पा प्रदर्शनी लगाई थी, इसमें जितनी रकम एकत्र हुई थी, उसे एक महिला समूह को दान में दे दी। भविष्य में भी नौकरी के साथ जरूरतमंदों की मदद करेंगे। उनके पिता जगमोहन तेवतिया व्यवसायी और माता कल्पना तेवतिया गृहिणी है।

गिन्नी तेवतिया, छात्रा, आइआइएम, काशीपुर

5- बैंकिंग क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रबंधक बनने की तमन्ना

बैंकिंग के क्षेत्र में दुनिया में सर्वश्रेष्ठ प्रबंधक बनने की इच्छा है, जिससे वित्तीय क्षेत्र में बढ़ोत्तरी होगी। देश के उत्थान में पूरा सहयोग करेंगे। द्वारका, दिल्ली निवासी अरुण कुमार सैनी में ईएसआइ अस्पताल में विजिलेंस सहायक की पुत्री प्रतिका को एक कंपनी में साढे़ 25 लाख का पैकेज की नौकरी मिली है। कमाई का कुछ हिस्सा लोगों की मदद करेंगे। सफलता के लिए लक्ष्य लगन बेहद जरूरी है। शॉर्टकट से सफलता नहीं मिलती है। लड़कियों को यदि लड़कों की तरह सुविधाएं मिले तो निश्चित तौर पर लड़कियां काफी आगे निकल सकती है और देश के विकास अहम योगदान कर सकेगी।

प्रतिका सैनी, छात्रा, आइआइएम, काशीपुर

इनसेट

पीजीपीएम के छात्र वैभव शर्मा दीक्षांत समारोह में नहीं आ सके। शर्मा अपने बैच के टॉपरों की सूची में तीसरे नंबर पर हैं। शर्मा का चयन कांस्य पदक के लिए हुआ था।


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