नगर निकायों को नहीं बेघरों की फिक्र
गौरव पांडेय, रुद्रपुर : राज्य के नगर निकाय केंद्र सरकार की दीनदयाल अंत्योदय योजना की मंशा को पलीता ल
गौरव पांडेय, रुद्रपुर : राज्य के नगर निकाय केंद्र सरकार की दीनदयाल अंत्योदय योजना की मंशा को पलीता लगा रहे हैं। योजना के तहत बेघरों के लिए निकायों में रैनबसेरे बनाए जाने हैं। योजना का क्रियान्वयन तो दूर निकायों की बेफिक्री और लापरवाही का आलम यह है कि केंद्र के चेताने के बावजूद अभी तक बेघरों का सर्वें नहीं किया है। निकायों के इस रुख पर राज्य नगरीय विकास प्राधिकरण ने गहरी नाराजगी जताई है। साथ ही उच्च न्यायालय, राज्य मानवाधिकार आयोग और आवास एवं गरीबी उपशमन मंत्रालय की मॉनीट¨रग का हवाला देते हुए 30 मार्च तक दोबारा सर्वें रिपोर्ट तलब की है।
देश भर में बेघरों की हालातों पर संज्ञान लेते हुए उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को ठोस योजना बनाने के निर्देश दिए थे। साथ ही योजना की मॉनीट¨रग का जिम्मा राज्य मानवाधिकार आयोग, उच्च न्यायालय और केंद्रीय मंत्रालय को सौंपा था। इसके बाद हरकत में आए केंद्र ने दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत बेघरों के लिए रैनबसेरे बनाने का खाका तैयार किया था। राज्य में नगरीय विकास प्राधिकरण को इसकी नोडल एजेंसी बनाया गया। प्राधिकरण ने निकायों से योजना पर काम शुरू करने से पहले वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर बेघरों के सर्वें के निर्देश दिए थे।
इस सर्वें के बाद ही वास्तविक बेघरों और उनकी जरुरतों की तस्वीर साफ हो सकती है। इसके आधार पर ही निर्माण की योजनाओं का खाका तैयार होगा। यहां निकायों की लापरवाही का आलम देखिए, बेघरों के हालातों पर संवेदनशील शीर्ष न्यायालय के आदेश और उच्च न्यायालय, मानवाधिकार आयोग और एक मंत्रालय की मॉनीट¨रग के बीच अभी तक सर्वे करने या करवाने की जहमत नहीं उठाई है। इस रवैये पर असंतोष और नाराजगी जताते हुए प्राधिकरण ने सभी निकायों को अनुस्मारक पत्र भेजकर 30 मार्च तक सर्वें रिपोर्ट तलब की है।
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इन निकायों में बनने हैं रैनबसेरे
नगर निगम- देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, काशीपुर, रुद्रपुर, हल्द्वानी।
नगर पालिका- उत्ततरकाशी, चमोली-गोपेश्वर, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चम्पावत, नैनीताल।
इनसेट
प्रति लाख की आबादी पर एक बसेरा
रुद्रपुर : बेघरों के हालातों पर संवेदनशील शीर्ष न्यायालय ने बसेरों की जरुरत को लेकर भी व्यवस्था की है। शीर्ष न्यायालय के निर्देशानुसार प्रति एक लाख की जनसंख्या पर कम से कम एक रैनबसेरा होना चाहिए। इसके बाद प्रति एक लाख की आबादी पर बसेरों की संख्या गुणात्मक रूप से बढ़नी चाहिए।
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वर्जन
केंद्र ने बेघरों के संबंध में सर्वें रिपोर्ट मांगी थी। दो माह पहले सभी निकायों से सर्वें करने के निर्देश दिए थे, लेकिन रिपोर्ट नहीं दी। दोबारा निकायों से 30 मार्च तक रिपोर्ट मांगी है। इसके आधार पर ही केंद्र एक्शन लेगा।
-नवनीत पांडे, निदेशक, राज्य नगरीय विकास प्राधिकरण