अभाव में चमके काशीपुर के सितारे
जागरण संवाददाता, काशीपुर : कुछ बनने का जज्बा, लगन व लक्ष्य हो तो मुश्किलें भी मंजिल को नहीं रोक
जागरण संवाददाता, काशीपुर : कुछ बनने का जज्बा, लगन व लक्ष्य हो तो मुश्किलें भी मंजिल को नहीं रोक सकतीं। अभाव की जिंदगी में भी मजदूरों के बच्चों ने उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षाओं में बेहतर अंक लाकर काशीपुर के साथ ही जिले का भी नाम रोशन किया है। मजदूर की बेटी पूजा ने 12वीं की परीक्षा में 90 फीसद अंक प्राप्त राज्य में 20वीं व छात्रा वर्ग में 11वीं रैंक प्राप्त की है।
कई लोगों के धन-दौलत तो है पर बच्चे पढ़ाई में अव्वल नहीं हैं। इसकी वजह है कुछ कर दिखाने के जज्बे की कमी। जिसने गरीबी को भोगा हो, वह अपने बच्चों को इससे उबारने की कोशिश करेगा। बच्चों को भी परिजनों की अपेक्षाओं पर खरा उतरना चाहिए। कुछ ऐसा ही यहां भी हुआ। आवास विकास निवासी पूजा के पिता आइजीएल में ठेके पर मजदूरी करते हैं। इसी पैसे से बच्चों को पढ़ाते व परिवार का खर्च भी चलाते हैं। पूजा गर्व से कहती है कि पिता ठेके पर मजदूरी करते हैं, मगर आइएएस बनकर लोगों को बताऊंगी कि मजदूर की बेटी भी आइएएस बन सकती है। किसान इंटर कालेज के छात्र आकाश कुमार ने कक्षा 12वीं में 68 फीसद अंक प्राप्त कर स्कूल का नाम रोशन किया है। वह सुबह स्कूल जाता था और छुट्टी के बाद पेट्रोल पंप पर वाहनों की धुलाई कर कुछ कमा लेता है। इस कमाई को अपनी व छोटे भाई विशाल की पढ़ाई पर खर्च करता है। परिवार का खर्च भी चलता है। बताया कि उसके पिता मजदूरी करते हैं पर सारी कमाई नशे पर खर्च कर देते हैं। शिक्षक बनकर औरों को शिक्षित करने की तमन्ना है। ऐसी जिंदगी बनानी है कि गरीबी से छुटकारा मिल जाए। गरीबी की बात करते समय उसका गले रुंध गया। हालांकि लोगों ने कंधे पर हाथ रख व पीठ थपथपा हौसला बढ़ाया। पं. गोविंद बल्लभ पंत इंटर कालेज के छात्र हिमांशु गोले ने 10वीं में 83 फीसद अंक प्राप्त कर स्कूल टॉप किया है। वह डॉक्टर बनना चाहता है। उसके पिता सुरेश चंद्र मजदूरी करते हैं। उन्होंने बताया कि कहीं पर कुछ भी काम मिल जाता है तो कर लेते हैं। उनके एक बेटा व एक बेटी है। दोनों को गाढ़ी कमाई से पढ़ा रहे हैं जिससे उन्हें अभाव की जिंदगी न जीनी पड़े। बच्चे क्या बनेंगे, यह तो ऊपर वाले के हाथ में है।